पोर्ट ब्लेयर, 27 नवंबर (भाषा) अंडमान निकोबार कमान के प्रमुख एअर मार्शल साजू बालकृष्णन ने बुधवार को कहा कि देश की पूर्वी और उत्तरी सीमाओं पर खतरा स्पष्ट है लेकिन इसके विपरीत द्वीपसमूह में चुनौतियां बेहद कठिन हैं जहां दुश्मन अदृश्य हैं।
अंडमान सागर में 23 नवंबर को बैरन द्वीप के पास थाईलैंड जा रहे एक ट्रॉलर से 36,000 करोड़ रुपये मूल्य का लगभग 6,000 किलोग्राम मेथमफेटामाइन मादक पदार्थ जब्त किया गया। भारत में यह सबसे बड़ी समुद्री बरामदगी है।
संदेह है कि ट्रॉलर में कुछ तकनीकी खराबी आ गई और इस कारण यह बहकर भारतीय जलक्षेत्र की ओर आ गया। इसमें चालक दल के छह सदस्य थे जो म्यामां के नागरिक हैं।
बालकृष्णन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘यहां की चुनौतियों के बारे में, मैं यह कहना चाहूंगा कि पूर्वी और उत्तरी सीमाओं के विपरीत, जहां शत्रु जाने-पहचाने हैं, हिंद महासागर (अंडमान और निकोबार द्वीप समूह) में अदृश्य दुश्मन हैं। लेकिन इन चुनौतियों के बावजूद, मैं लोगों को आश्वस्त करना चाहूंगा कि अंडमान और निकोबार कमान किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे बड़ी बरामदगी के बाद, हमने नयी जमीनी चुनौतियों का सामना किया है और भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा के लिए अपनी चौकसी बढ़ा दी है। एक विशाल क्षेत्र को सुरक्षित करने के लिए, अंतरिक्ष आधारित निगरानी, विमान गश्त और जहाज आधारित गश्त का संयोजन होना चाहिए।’’
बालकृष्णन ने कहा, ‘‘इसके साथ ही, हमें कई एजेंसियों से खुफिया जानकारी भी मिलती है। ये सभी मिलकर इस द्वीपसमूह की सुरक्षा सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है। हम अपने जलक्षेत्र को घुसपैठियों से सुरक्षित रखने के लिए इन सभी संसाधनों का उपयोग कर रहे हैं।’’
अधिकारी ने भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के डोर्नियर विमान की सराहना की, जिसने 23 नवंबर को नियमित गश्त के दौरान जहाज को देखा था।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि समुद्री सुरक्षा का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत इस क्षेत्र में अपनी क्षमता कैसे बढ़ाता है। जहां तक भारत की सुरक्षा का सवाल है, अंडमान और निकोबार एक रणनीतिक क्षेत्र है। हम स्पष्ट रूप से समझते हैं कि यह द्वीपसमूह समग्र रणनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।’’
बालकृष्णन ने कहा, ‘‘हर दिन, कई अंतरराष्ट्रीय जहाज इस क्षेत्र से गुजरते हैं और हमारी सरकार इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि हमें अपनी क्षमता बढ़ाने की जरूरत है। इस क्षेत्र की समुद्री सुरक्षा का भविष्य इस बात से तय होगा कि भारत अपनी क्षमता कैसे बढ़ाता है।’’
यह पहला मौका नहीं है जब अंडमान निकोबार द्वीप समूह में भारतीय जलक्षेत्र में इस तरह का प्रतिबंधित सामान जब्त किया गया हो। 2019 और 2022 में भी भारतीय जलक्षेत्र में प्रवेश की कोशिश के दौरान विदेशी जहाजों से इसी तरह के मादक पदार्थ जब्त किए गए थे। भाषा रंजन नेत्रपाल
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