संभल: उत्तर प्रदेश में संभल की शाही जामा मस्जिद की प्रबंध समिति के अध्यक्ष जफर अली को पिछले साल 24 नवंबर को हुई हिंसा के मामले में बयान दर्ज करने के लिए रविवार को हिरासत में ले लिया गया। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। जफर अली के बड़े भाई ताहिर अली ने आरोप लगाया है कि उनके भाई को सोमवार को संभल हिंसा मामले की जांच के लिए गठित आयोग के समक्ष पेश होना था इसीलिए उन्हें जानबूझकर गिरफ्तार करके जेल भेजने की कोशिश की जा रही है।
संभल कोतवाली प्रभारी अनुज कुमार तोमर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि शाही जामा मस्जिद की प्रबंध समिति के अध्यक्ष जफर अली को रविवार को पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने पिछले साल 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में बयान दर्ज करने के लिए हिरासत में लिया है। उन्होंने बताया कि अली को एसआईटी ने हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
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पिछले साल 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी तथा कई पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 19 अन्य लोग जख्मी हो गए थे। घटना के बाद अली ने संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया था कि हिंसा के लिए पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज चौधरी और उप जिलाधिकारी वंदना मिश्रा जिम्मेदार हैं और पुलिस की ही गोली से चार लोगों की मौत हुई है।
इस बीच, जफर अली के बड़े भाई ताहिर अली ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि रविवार 11:15 बजे पुलिस निरीक्षक और विवेचना अधिकारी उनके घर पहुंचे थे और कहा था कि पुलिस क्षेत्राधिकारी कुलदीप सिंह जफर अली से बात करना चाहते हैं।
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उन्होंने आरोप लगाया कि जफर अली को सोमवार को संभल हिंसा की जांच के लिए गठित आयोग के समक्ष बयान देना था इसीलिए पुलिस ने उन्हें जानबूझकर गिरफ्तार करके जेल भेजने की साजिश रची है। उन्होंने कहा कि जफर अली संभल हिंसा के बाद संवाददाता सम्मेलन में दिए गए अपने बयान पर कायम हैं और आगे भी कायम रहेंगे।
संभल हिंसा के लिए विदेश से फंडिंग के आरोपों के बारे में ताहिर अली ने कहा, ‘पांच नए पैसे की भी फंडिंग नहीं की गई है। हम अदालत में लड़ेंगे और विजयी होकर निकलेंगे।’ उन्होंने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, ‘संभल का प्रशासन जनता को भड़का रहा है। वह तनाव खत्म नहीं करना चाहता। हम शांति से तनाव खत्म करना चाहते हैं। यहां के सभी पुलिस अधिकारी और उच्च अधिकारी, सभी तनाव पैदा कर रहे हैं।’