डल्लेवाल के अनशन की अनदेखी कर रहा केंद्र, प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने की जरूरत: एसकेएम

डल्लेवाल के अनशन की अनदेखी कर रहा केंद्र, प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने की जरूरत: एसकेएम

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  • Publish Date - January 9, 2025 / 09:31 PM IST,
    Updated On - January 9, 2025 / 09:31 PM IST

चंडीगढ़, नौ जनवरी (भाषा) संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के आमरण अनशन को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया और सरकार से प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने का आग्रह किया।

पंजाब के मोगा में आयोजित किसान महापंचायत में एसकेएम ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति रूपरेखा (एनपीएफएएम) का मसौदा ‘अब निरस्त हो चुके तीन कृषि कानूनों को फिर से लागू करने का एक खतरनाक तरीका है।’

संगठन ने 13 जनवरी को मसौदा नीति की प्रतियां जलाने और 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की घोषणा की।

एसकेएम ने एनपीएफएएम के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए एक सप्ताह के भीतर दूसरी ‘किसान महापंचायत’ आयोजित की, जिसमें आरोप लगाया गया कि अगर इसे लागू किया गया तो यह मंडी व्यवस्था को ‘नष्ट’ कर देगा।

पहली ‘महापंचायत’ चार जनवरी को हरियाणा के टोहाना में आयोजित की गई थी।

एसकेएम नेताओं ने कृषि विपणन पर मसौदा नीति को खारिज करने के लिए राज्य विधानसभा का सत्र नहीं बुलाने के लिए पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर भी हमला बोला।

संगठन ने ‘एकता प्रस्ताव’ भी पारित किया और कहा कि एसकेएम की छह सदस्यीय समन्वय समिति 10 जनवरी को खनौरी और शंभू सीमाओं का दौरा करेगी और किसान संगठनों के बीच एकता की अपील करेगी।

संगठन ने एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के किसी भी नेता द्वारा दोनों सीमा बिंदुओं पर जारी विरोध प्रदर्शन के खिलाफ कोई भी बयान नहीं देने की घोषणा की।

एसकेएम, जिसने अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ 2020 के किसान आंदोलन का नेतृत्व किया था, एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और केएमएम के चल रहे विरोध का हिस्सा नहीं है।

महापंचायत को संबोधित करने वाले वरिष्ठ एसकेएम नेताओं में बलबीर सिंह राजेवाल, जोगिंदर सिंह उगराहां, राकेश टिकैत, डॉ. दर्शन पाल और रमिंदर पटियाला शामिल थे।

राकेश टिकैत ने सभा को संबोधित करते हुए डल्लेवाल की ओर इशारा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को उनकी कोई परवाह नहीं है।

डल्लेवाल का आमरण अनशन बृहस्पतिवार को 45वें दिन में प्रवेश कर गया।

टिकैत ने कहा, “हमारे कुछ लोग आमरण अनशन पर हैं और हमें इस बात का भी दुख है कि वह पिछले 44- 45 दिनों से अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं लेकिन भारत सरकार सुन नहीं रही है। एसकेएम पूरी तरह से उनके (अनशनकारी किसान) साथ है।”

उन्होंने कहा, “हमारी समिति कल उनसे (डल्लेवाल से) मुलाकात करेगी। हम एकजुट होकर काम करने के लिए तैयार हैं।”

एसकेएम (गैर-राजनीतिक) के संयोजक डल्लेवाल पिछले वर्ष 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा पर किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं।

उनकी मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग भी शामिल है।

टिकैत ने कहा कि एसकेएम हमेशा मजबूत था और आगे भी मजबूत रहेगा।

किसान नेताओं ने गतिरोध के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया और डल्लेवाल की जान बचाने के लिए प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत करने को कहा।

भाषा जितेंद्र पवनेश

पवनेश