रॉयल्टी की समीक्षा की हमारी मांग केंद्र ने नहीं सुनी, आज न्यायालय ने व्यवस्था दे दी : बीजद
रॉयल्टी की समीक्षा की हमारी मांग केंद्र ने नहीं सुनी, आज न्यायालय ने व्यवस्था दे दी : बीजद
नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा) बजट में ओडिशा की पूरी तरह उपेक्षा किए जाने का आरोप लगाते हुए बीजू जनता दल के एक सदस्य ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि रॉयल्टी की पुन:समीक्षा करने की उनकी पुरानी मांग पर केंद्र द्वारा ध्यान नहीं दिया गया लेकिन आज उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि संविधान के तहत राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार है।
उच्च सदन में बजट 2024-25 पर चर्चा में हिस्सा ले रहे बीजू जनता दल के देवाशीष सामंतराय ने कहा कि कड़वा सच यही है कि यह सरकार गठबंधन की बैसाखियों पर खड़ी है और उसका पहला ध्यान बैसाखियों को मजबूत बनाने पर है ताकि वह गिर न जाए। ‘‘बजट में यह बात साफ है।’’
उन्होंने सरकार पर गठबंधन के सहयोगियों पर ही ध्यान देने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सदन में विपक्षी सदस्यों की संख्या सत्ताधारी गठबंधन के सदस्यों से अधिक है लेकिन विपक्ष को बोलने नहीं दिया जाता।
सामंतराय ने कहा ‘‘राष्ट्रपति चुनाव आने दीजिये, फिर हम देखेंगे। यह ज्यादा दूर नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि आए दिन चक्रवात, तूफान और अन्य प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने वाले इस राज्य को बजट में कुछ भी नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य ने जितनी प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है, उतना किसी अन्य राज्य ने नहीं किया। आप पोलावरम को महत्वपूर्ण बताते हैं। लेकिन कोरापुट पानी के लिए तरस रहा है, यह आप नहीं देखते।’’
बीजद सदस्य ने कहा कि ओडिशा में नवीन पटनायक पांच बार मुख्यमंत्री रहे और उनकी नीतियों ने राज्य को केंद्र की उपेक्षा के बावजूद हर मुश्किल से उबारा और प्रगति के शिखर पर ले गए। उन्होंने कहा ‘‘कोविड काल में जब दूसरे राज्य ऑक्सीजन की कमी का सामना कर रहे थे तब पटनायक की नीतियों की वजह से बेहतर प्रबंधन के चलते ओडिशा ने दूसरे राज्यों को ऑक्सीजन भेजी थी।’’
सामंतराय ने कहा कि ओडिशा में खनिजों की भरमार है लेकिन वहां केंद्र की ओर से औद्योगीकरण को लेकर कोई सुविधाएं नहीं दी गईं। ‘‘रॉयल्टी की पुन:समीक्षा करने की हमारी मांग पर कभी ध्यान नहीं दिया गया लेकिन आज उच्चतम न्यायालय ने व्यवस्था दी कि संविधान के तहत राज्यों के पास खदानों और खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने का विधायी अधिकार है। हम उच्चतम न्यायालय के आभारी हैं।’’
उन्होंने कहा कि तेंदू पत्ते पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाना बिल्कुल गलत है। उनके अनुसार, तेंदू पत्ता संग्रह करने वाले लोग बेहद गरीब होते हैं, उनके प्रति सरकार का यह रवैया बेहद कठोर है।
बीजद सदस्य ने कहा, ‘‘ओडिशा का देश के राजस्व में खासा योगदान है। फिर भी राज्य केंद्र की नजर में उपेक्षित ही है।’’
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला महाराष्ट्र उपेक्षित है तथा और भी राज्य बजट से निराश हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘संदेश साफ है कि अगर आप अपना रवैया नहीं बदलेंगे तो जनता आपको हटा देगी।’’
उन्होंने कहा ‘‘मैं और मेरी पार्टी बजट का समर्थन नहीं करते और मैं सरकार से स्थानीय लोगों की भावनाओं को देखने का अनुरोध करता हूं।’’
भाषा
मनीषा माधव
माधव

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