दिल्ली में प्रदूषण के कारण केंद्र ने कर्मचारियों के लिए कार्यालय के समय में बदलाव की घोषणा की

दिल्ली में प्रदूषण के कारण केंद्र ने कर्मचारियों के लिए कार्यालय के समय में बदलाव की घोषणा की

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  • Publish Date - November 21, 2024 / 10:36 PM IST,
    Updated On - November 21, 2024 / 10:36 PM IST

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ स्थिति में आने के बाद केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को अपने कर्मचारियों के काम की अवधि में बदलाव की घोषणा की। हालांकि कई दिनों के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से कम दर्ज किया गया ।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन शाम चार बजे दर्ज किया जाने वाला 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक बृहस्पतिवार को 371 दर्ज किया गया जो बुधवार को 419 दर्ज किया गया था।

हालांकि, दिल्ली अब भी देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर है । पहले स्थान पर हाजीपुर है जहां का वायु गुणवत्ता सूचकांक 403 दर्ज किया गया।

सोमवार और मंगलवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक अति गंभीर श्रेणी में पहुंच गया, और यह 450 से अधिक दर्ज किया गया। खराब हवा के मामले में बुधवार को दिल्ली देश में तीसरे स्थान पर थी जबकि बृहस्पतिवार को यह दूसरे स्थान पर पहुंच गयी।

इस बीच, केंद्र ने अपने कर्मचारियों के लिए कार्य के अलग-अलग समय की घोषणा की है।

केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, कर्मचारियों को वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए एक वाहन में अकेले नहीं चलने और सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की सलाह दी गई है।

आदेश में कहा गया है, ‘‘कार्यालयों में सुबह नौ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक या सुबह 10 बजे से शाम साढ़े छह बजे तक काम किया जाएगा।’’

आदेश में आगे कहा गया है कि इन उपायों को मंत्रालयों, विभागों और संगठनों द्वारा उनकी कार्यात्मक आवश्यकताओं के आधार पर अपनाया जा सकता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दक्षता और उत्पादकता पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

सीपीसीबी के 24 घंटों के आंकड़ों के अनुसार बिहार के हाजीपुर में बृहस्पतिवार को देश में सबसे अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया । इसके अनुसार हाजीपुर का सूचकांक 403 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है ।

वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) की हर घंटे अद्यतन जानकारी देने वाले समीर ऐप के अनुसार, दिल्ली के 35 निगरानी केंद्रों में से छह ने 400 से अधिक एक्यूआई के साथ ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता की सूचना दी, जबकि 28 स्टेशन में एक्यूआई 300 से अधिक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।

आंकड़ों के अनुसार शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘बहुत खराब’, 401-450 को ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर को ‘अत्यधिक गंभीर’ माना जाता है।

सीपीसीबी के बृहस्पतिवार की शाम पांच बजे के आंकड़ों में पीएम 2.5 का स्तर 168 दर्ज किया गया और ये प्राथमिक प्रदूषक है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए केंद्र के निर्णय समर्थन प्रणाली (डीएसएस) के अनुसार, बृहस्पतिवार को दिल्ली के प्रदूषण के लिए वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन को 16 प्रतिशत जिम्मेदार ठहराया है, जबकि पराली जलाए जाने की प्रदूषण में 17.3 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।

खेतों में आग लगाना प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत बना हुआ है। पंजाब में बृहस्पतिवार को पराली जलाने की 192 घटना दर्ज की गईं, हरियाणा में 10 और उत्तर प्रदेश में 165 घटनाएं सामने आईं।

भाषा यासिर रंजन

रंजन