Central government will cut GST on health and life insurance premiums: नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार भले ही तीसरी बार सत्ता में आसीन हो चुकी हो लेकिन विरासत में मिली महंगाई की समस्या सरकार का पीछा नहीं छोड़ रही है। विपक्षी दल अक्सर जरूरी सामानों के बढ़ते दामों को लेकर सरकार की आलोचना करती रहते है तो वही सरकार अपने बचाव में अंतर्राष्ट्रीय वजहों को महंगाई के लिए जिम्मेदार ठहराते रहती है। हालांकि अब सम्भावना जताई जा रही है कि साल के अंत में सरकार आम लोगों को इस भीषण महंगाई से फौरी रहत दे सकती है।
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बिजनेस वेबसाइट मनी कंट्रोल के मुताबिक़ जीएसटी काउसिंल की अगली बैठक दिसंबर के आखिरी हफ्ते में हो सकती है। पहले इसके नवंबर में होने की उम्मीद जताई जा रही थी। हालांकि अब यह केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट को लेकर बातचीत को देखते हुए दिसंबर के आखिरी में ही होगा। सूत्रों ने मनीकंट्रोल को जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक 23-24 दिसंबर को होने वाली इस बैठक में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी में राहत मिल सकती है। एक गवर्नमेंट ऑफिसर के मुताबिक पहले वित्त मंत्री ने इस बैठक के नवंबर में होने का संकेत दिया था लेकिन अब इसे राज्यों के वित्त मंत्री के साथ प्री-बजट बैठकों के साथ किया जाएगा ताकि केंद्रीय बजट के लिए सुझाव जुटाए जा सकें। ये दोनों ही बैठक जोधपुर या जैसलमेर में होने की उम्मीद है।
Central government will cut GST on health and life insurance premiums: अगले महीने होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में वरिष्ठ नागरिकों के लिए टर्म लाइफ इंश्योरेंस और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर पूरी तरह छूट दी जा सकती है। लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर अभी 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगाई जाती है जिससे पॉलिसीहोल्डर्स का खर्च बढ़ जाता है। इससे राहत के लिए जीएसटी पर बने मंत्रियों के समूह (GoM) ने भी सिफारिश की है। जीओएम ने बेसिक टर्म लाइफ कवरेज पर भी छूट की वकालत की है। एक अनुमान के मुताबिक टर्म लाइफ इंश्योरेंस पर जीएसटी की राहत से सरकार को रेवेन्यू में करीब 200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। हालांकि इसे अन्य चीजों पर जीएसटी में प्रस्तावित बदलावों से एडजस्ट किया जा सकता है। बैठक में लक्जरी घड़ियों और जूते इत्यादि पर जीएसटी बढ़ाने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इससे रेवेन्यू में सालाना 22,000 करोड़ रुपये के इजाफा का अनुमान है। इसके अलावा साइकिल, एक्सरसाइज बुक्स, और बड़े पैक में पैक्ड ड्रिंकिंग वॉटर जैसी जरूरी चीजों पर जीएसटी घटाने का भी प्रस्ताव है ताकि घरेलू खर्चों में राहत मिल सके।