food crisis : रूस और यूक्रेन के बीच 3 महीने से ज्यादा समय से युद्ध के कारण विश्व के कई देशों में खाद्य संकट चल रहा है। श्रीलंका और पाकिस्तान समेत कई देशों की आर्थिक स्थिति की हवा निकल चुकी है, और भी कई देश लाइन में लगे हैं।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘महंगाई को उच्च स्तर से हैंडल किया जा रहा है। कीमतों की निगरानी करने वाली समिति हर प्रॉडक्ट को लेकर मीटिंग कर रही है और क्या एक्शन लिया जाए, इस बारे में विचार कर रही है।’ एक अन्य सूत्र ने बताया कि चावल पर भी चीनी की तरह पाबंदी लगाई जा सकती है। चीनी के मामले में सरकार ने निर्यात पर 20 लाख टन का कैप लगाया है।
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food crisis: प्रधानमंत्री कार्यालय घरेलू बाजार में खाने-पीने की चीजों के दाम को नियंत्रित रखने के लिए उत्पाद-दर-उत्पाद आधार पर आकलन कर रहा है। पांच जरूरी उत्पादों के निर्यात पर पाबंदियां लगाने की तैयारी चल रही है। इनमें से दो प्रॉडक्ट गेहूं और चीनी के निर्यात पर पाबंदियां लगाई जा चुकी हैं। आने वाले समय में जिन उत्पादों के निर्यात पर पाबंदी लगाने की योजना है, उनमें गैर-बासमती चावल भी शामिल है। गैर-बासमती चावल के मामले में उसी तरह की पाबंदी लग सकती है, जैसी चीनी के मामले में लगाई गई है।