नई दिल्ली। ग्रेच्युटी से जुड़ी नौकरी पेशा कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार ग्रेच्युटी की अवधि एक साल तक करने की सिफारिश को हरी झंडी दे सकती है। हाल ही में संसद की स्थायी समिति की ओर से ग्रेच्युटी के लिए 1 साल की अवधि तय करने की सिफारिश की गई है।
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किसी एक कंपनी में आप एक साल तक लगातार नौकरी कर रहे हैं तो ग्रेच्युटी के हकदार होंगे। अब तक इसके लिए कर्मचारियों को किसी एक कंपनी में लगातार 5 साल काम करना होता है।
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किसी एक कंपनी में लगातार 5 साल काम करने वाले कर्मचारी को ग्रेच्युटी दी जाती है। हालांकि मृत्यु या अक्षम हो जाने पर ग्रेच्युटी अमाउंट दिए जाने के लिए नौकरी के 5 साल पूरे होना जरूरी नहीं है। आपको यहां बता दें कि ये रकम कंपनी की ओर से दी जाती है और इसकी अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये होती है।
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उदाहरण से समझिए
मान लीजिए कि सुधीर ने 7 साल एक ही कंपनी में काम किया. सुधीर की अंतिम सैलरी 35000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है. तो कैलकुलेशन कुछ इस प्रकार होगा— (35000) x (15/26) x (7)= 1,41,346 रुपये
कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया)
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एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है। वहीं, महीने में 26 दिन ही काउंट किया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है। ग्रेच्युटी कैलकुलेशन की एक अहम बात ये भी है कि इसमें कोई कर्मचारी 6 महीने से ज्यादा काम करता है तो उसकी गणना एक साल के तौर पर की जाएगी। अगर कोई कर्मचारी 7 साल 7 महीने काम करता है तो उसे 8 साल मान लिया जाएगा और इसी आधार पर ग्रेच्युटी की रकम बनेगी।