ओडिशा: सीबीआई ने रिश्चत मामले में आईएएस अधिकारी को तलब किया

ओडिशा: सीबीआई ने रिश्चत मामले में आईएएस अधिकारी को तलब किया

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  • Publish Date - December 15, 2024 / 11:26 PM IST,
    Updated On - December 15, 2024 / 11:26 PM IST

भुवनेश्वर, 15 दिसंबर (भाषा) वरिष्ठ आईएएस अधिकारी बिष्णुपद सेठी को दस लाख रुपये की रिश्वत मामले में सीबीआई द्वारा तलब किए जाने को लेकर रविवार को ओडिशा में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 10 दिसंबर को अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव सेठी को समन जारी किया। उनके पास सामाजिक सुरक्षा एवं दिव्यांगों के सशक्तीकरण विभाग के प्रधान सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी है।

सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने शनिवार को मामले के सिलसिले में सेठी के तीन चालकों से पूछताछ की। सूत्रों ने बताया कि सेठी को 11 दिसंबर को सीबीआई के भुवनेश्वर कार्यालय में जांच में शामिल होने के लिए तलब किया गया था। उन्होंने बताया कि नौकरशाह ने अपने वकीलों के माध्यम से और समय मांगा है।

अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति विकास, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री नित्यानंद गोंड ने कहा कि जांच के बाद सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

विपक्षी कांग्रेस ने जहां मामले में ठोस कार्रवाई होने पर संदेह जताया, वहीं बीजू जनता दल (बीजद) ने मांग की कि भ्रष्टाचार के मामलों की जांच में देरी नहीं होनी चाहिए।

ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जयदेव जेना ने आशंका जतायी कि हो सकता है कि इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो। जेना ने कहा, ‘‘अभी जो हो-हल्ला मचाया जा रहा है, हो सकता है कि वह धीरे-धीरे खत्म हो जाए।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती बीजद सरकार के दौरान सामने आए भ्रष्टाचार के मामलों को बाद में भाजपा ने ‘‘निष्प्रभावी’’ कर दिया था।

जेना ने आरोप लगाया, ‘‘पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए, मौजूदा मामला भी ठंडे बस्ते में जा सकता है।’’ उन्होंने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की, चाहे वे किसी भी पद पर हों।

वरिष्ठ बीजद नेता सुधीर सामल ने कहा कि पूर्ववर्ती नवीन पटनायक सरकार के दौरान, सतर्कता विभाग ने भ्रष्ट अधिकारियों पर नकेल कसी थी।

सामल ने कहा, ‘‘आवास घोटाले में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया था।’’

उन्होंने कहा कि अगर भाजपा भ्रष्ट व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही, तो उसके लिए अपनी ‘डबल इंजन’ सरकार पर गर्व करने का कोई कारण नहीं है।

दूसरी ओर, सत्तारूढ़ भाजपा ने दावा किया कि राज्य में मोहन माझी सरकार भ्रष्ट आचरण में लिप्त पाए जाने पर नौकरशाहों और नेताओं सहित किसी के भी खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

भाजपा विधायक बाबू सिंह ने कहा, ‘‘राज्य की भाजपा सरकार किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी।’’

सिंह ने आरोप लगाया कि ओडिशा में बीजद के 24 साल के शासन के दौरान भ्रष्टाचार व्यापक हो गया था। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सिंह ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने कहा है कि भाजपा शासन में भ्रष्ट व्यक्तियों को जेल भेजा जाएगा।’’

सीबीआई रिश्वत मामले के संबंध में सेठी से कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जानना चाहती थी, जिसमें जांच एजेंसी ने भुवनेश्वर स्थित ब्रिज एंड रूफ कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड के समूह महाप्रबंधक चंचल मुखर्जी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

आईएएस अधिकारी को 10 दिसंबर को लिखे पत्र में सीबीआई निरीक्षक गुरजिंदर सिंह ने कहा, ‘‘यह पता चला है कि आप इस सीबीआई मामले के कुछ महत्वपूर्ण और प्रासंगिक तथ्यों और परिस्थितियों से परिचित हैं, जिन्हें लेकर पूछताछ आवश्यक है।’’

इस बीच मुखर्जी के वकील राजेश मिश्रा ने कहा कि वह अपने मुवक्किल के लिए जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।

सीबीआई सोमवार को गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों को उनकी पांच दिन की हिरासत पूरी होने के बाद अदालत में पेश करेगी।

मिश्रा ने यहां सीबीआई कार्यालय परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मेरे मुवक्किल अस्वस्थ हैं और मैं अदालत में जमानत याचिका दायर करूंगा।’’

मिश्रा ने कहा, ‘‘जब से उन्हें अस्पताल ले जाया गया है, तब से मैं उससे बात नहीं कर पाया हूं। मैं कल जमानत याचिका दायर करूंगा।’’

राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि 19 अक्टूबर 2024 को सेठी ने मुखर्जी को बौध और नयागढ़ जिलों में एक आश्रम स्कूल को हाई स्कूल और एक हाई स्कूल को हायर सेकेंडरी स्कूल के तौर पर अद्यतन करने के लिए परियोजना सौंपे जाने के बारे में लिखा था। राज्य सरकार के सूत्रों ने बताया कि दोनों परियोजना 37 करोड़ रुपये की हैं।

हालांकि, सीबीआई ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इन स्कूल को अद्यतन परियोजना का रिश्वत मामले से कोई लेना-देना है या नहीं।

भाषा अमित नेत्रपाल शफीक

शफीक