नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक प्रवीण सूद ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्रीय एजेंसी इस सप्ताह की शुरुआत में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन में राज्यों और अन्य हितधारकों की मदद करने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई तीन नये कानूनों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कानून मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रही है।
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) ने एक जुलाई से क्रमशः भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और ‘इंडियन एविडेंस एक्ट’ की जगह ले ली।
सूद ने गाजियाबाद स्थित सीबीआई अकादमी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एजेंसी और कानून मंत्रालय जांच के साथ-साथ अधिक कुशल अभियोजन को प्राथमिकता देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 39 सीबीआई कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक (पीपीएम) और सराहनीय सेवा के लिए भारतीय पुलिस पदक (आईपीएम) प्रदान किए।
मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि समय के साथ सीबीआई की भूमिका विकसित हो रही है और यह शुरुआत में मुख्य रूप से भ्रष्टाचार रोधी मामलों से निपटने से लेकर विशेष एवं आर्थिक अपराध, साइबर अपराध और बैंक धोखाधड़ी के मामलों तक विस्तारित हो गई है।
मेघवाल ने अपने संबोधन में कहा कि नए आपराधिक कानून राष्ट्र की प्रगति और विकास में योगदान देने वाले नागरिकों के ‘जीवन को सुगम’ बनायेंगे।
उन्होंने सीबीआई की सराहना करते हुए कहा कि इसके जांच कौशल के कारण समाज में इसके महत्व को पहचाना जा रहा है जो दोषसिद्धि की उच्च दर में परिलक्षित होता है।
नए आपराधिक कानूनों का जिक्र करते हुए मेघवाल ने कहा कि इनसे न्याय प्रदान करने में तेजी आने के साथ ही मुकदमेबाजी में लगने वाला सभी हितधारकों का महत्वपूर्ण समय भी बचेगा।
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नेत्रपाल देवेंद्र
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