सीबीआई ने एनडीटीवी प्रवर्तकों से जुड़े धोखाधड़ी मामले में ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की

सीबीआई ने एनडीटीवी प्रवर्तकों से जुड़े धोखाधड़ी मामले में ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की

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  • Publish Date - October 1, 2024 / 06:18 PM IST,
    Updated On - October 1, 2024 / 06:18 PM IST

(अभिषेक शुक्ला)

नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एनडीटीवी के पूर्व प्रवर्तकों और निदेशकों प्रणय रॉय और राधिका रॉय के खिलाफ कथित धोखाधड़ी के मामले में मंगलवार को ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल कर दी क्योंकि उसे 2009 में एक ऋण के निपटान में आईसीआईसीआई बैंक को हुए 48 करोड़ रुपये के नुकसान के संबंध में कानूनी रूप से पुख्ता सबूत नहीं मिले।

यह मामला 2017 में शुरू हुआ था,जब सीबीआई ने क्वांटम सिक्योरिटीज लिमिटेड के संजय दत्त नामक एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि रॉय दंपति से जुड़े आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने सार्वजनिक खुली पेशकश के जरिए एनडीटीवी में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए इंडिया बुल्स प्राइवेट लिमिटेड से 500 करोड़ रुपये का ऋण लिया था।

प्राथमिकी के अनुसार, आरआरपीआर होल्डिंग्स ने इंडिया बुल्स से ऋण चुकाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक से 19 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 375 करोड़ रुपये का ऋण (जिसमें से 350 करोड़ रुपये दिये गए) लिया।

शिकायत में आरोप लगाया गया कि रॉय दंपति ने इस ऋण के लिए अपनी पूरी शेयरधारिता को गिरवी रख दिया, तथा गिरवी रखी गई इस संपत्ति की सूचना भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), शेयर बाजार या सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नहीं दी।

वर्ष 2022 में, अदाणी समूह ने एनडीटीवी में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल कर ली, और अल्पमत शेयरधारकों को भुगतान की गई कीमत से लगभग 17 प्रतिशत अधिक कीमत पर रॉय परिवार से शेयर खरीदे।

सात साल से अधिक की जांच के बाद, सीबीआई ने अब एक विशेष अदालत में ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दाखिल की है, जो यह तय करेगी कि रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या एजेंसी को अपनी जांच जारी रखने का निर्देश दिया जाए।

पांच जून, 2017 को की गई तलाशी के बाद एनडीटीवी ने कहा था कि आईसीआईसीआई बैंक से लिया गया 375 करोड़ रुपये का ऋण, जिसे चुकाने में चूक का आरोप उस पर लगाया गया था, सात साल पहले चुका दिया गया था।

कंपनी ने यह भी कहा कि सेबी को गिरवी रखे गए शेयरों का खुलासा न करने का आरोप ‘‘गलत और झूठा’’ है। कंपनी ने कहा, ‘‘एनडीटीवी और उसके प्रवर्तकों ने कभी भी आईसीआईसीआई या किसी अन्य बैंक को दिए गए किसी भी ऋण पर चूक नहीं की। हम ईमानदारी के उच्चतम स्तर का पालन करते हैं।’’

भाषा आशीष दिलीप

दिलीप