गुवाहाटी, 29 नवंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 260 करोड़ रुपये के निवेश घोटाले के मुख्य आरोपी रंजीत काकोटी के खिलाफ शुक्रवार को एक विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया।
इस व्यापार घोटाले में करीब 1.5 लाख निवेशक प्रभावित हुए थे।
सीबीआई ने काकोटी की गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर उसके खिलाफ अपनी जांच पूरी कर ली थी। सीबीआई ने कहा कि काकोटी ने अपने सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर एक ऑनलाइन मंच के माध्यम से भ्रामक हथकंडों का इस्तेमाल कर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की थी।
सीबीआई ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘आरोपियों ने भ्रामक दस्तावेज, झूठे वादे और धोखाधड़ी के तरीकों से निवेशकों को धोखा दिया, और अंततः उनकी मेहनत की कमाई को निजी लाभ के लिए हड़प लिया।’’
डिब्रूगढ़ पुलिस थाने में दर्ज मामला इस शिकायत पर आधारित है कि काकोटी ने निवेशकों को 18 महीने के भीतर उनके निवेश पर तीन गुना रिटर्न (लाभ) देने का वादा किया था।
हालांकि, शुरुआती रिटर्न के बाद काकोटी ने निवेशकों को जवाब देना बंद कर दिया, जिसके कारण व्यापक शिकायतें हुईं।
यह जांच असम निवेश घोटाले की बड़ी जांच का हिस्सा है, जो राज्य सरकार द्वारा सीबीआई से 41 समान मामलों की जांच करने का अनुरोध करने के बाद शुरू की गई थी।
सीबीआई ने विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सीबीआई ने पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 93 स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें मोबाइल फोन, डेस्कटॉप, हार्ड ड्राइव और लैपटॉप जब्त किए गए।’’
अगस्त के अंतिम सप्ताह में सामने आए इस घोटाले में दीपांकर बर्मन की स्वामित्व वाली कंपनी शामिल थी। दीपांकर को पिछले महीने गोवा से गिरफ्तार किया गया था।
निवेशकों ने शिकायत की कि उन्हें अपने निवेश पर रिटर्न नहीं मिला है और बर्मन का कार्यालय 21 अगस्त से बंद है।
घोटाले के सिलसिले में अब तक 65 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम, 2019 और भारतीय न्याय संहिता के तहत दर्ज मामलों की जांच के लिए 14 विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किए गए हैं।
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