कोलकाता, 16 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को एक पत्र लिखकर जानकारी मांगी कि आरजी कर अस्पताल भ्रष्टाचार मामले में कथित रूप से शामिल अधिकारी अभी भी चिकित्सा प्रतिष्ठान में महत्वपूर्ण पदों पर क्यों बने हुए हैं। एक सूत्र ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त को अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच राज्य द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से केंद्रीय एजेंसी को स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।
एजेंसी ने निगम को लिखे पत्र में सवाल किया कि दो चिकित्सक देबाशीष सोम और सुजाता घोष अब भी अपने-अपने पदों पर क्यों बने हुए हैं?
अस्पताल की वेबसाइट के अनुसार, सोम आरजी कर अस्पताल के फोरेंसिक विभाग के पूर्व प्रमुख हैं और वर्तमान में फोरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी (एफएमटी) में ‘डेमॉन्स्ट्रेटर’ के पद पर तैनात हैं।
सुजाता घोष एनेस्थिसियोलॉजी विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर हैं। सीबीआई के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “ये लोग आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (गिरफ्तार) के बहुत करीबी थे। इसके सबूत हैं। ”
सीबीआई ने दो सितंबर को अस्पताल में कथित वित्तीय कदाचार के सिलसिले में संदीप घोष और तीन अन्य को गिरफ्तार किया था।
भाषा जितेंद्र संतोष
संतोष
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