नयी दिल्ली, 21 जनवरी (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने अपने ही पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) बलबीर शर्मा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक से संबंधित रिश्वत के एक मामले में गिरफ्तार किया है, जिन्होंने हिमाचल प्रदेश में एक छात्रवृत्ति घोटाले के संबंध में जांच के दायरे में आए शैक्षणिक संस्थानों से कथित तौर पर रिश्वत मांगी थी। यह जानकारी अधिकारियों ने मंगलवार को दी।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में सीबीआई की विशेष अपराध इकाई में तैनात शर्मा को एजेंसी ने सोमवार को चंडीगढ़ कार्यालय में उस मामले के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सहायक निदेशक विशाल दीप को कथित तौर पर रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने बताया कि शर्मा को शाम को गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद शर्मा ने चक्कर आने की शिकायत की और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी जांच की गई और नतीजे संतोषजनक रहे। उन्होंने बताया कि विशेष अदालत में पेश करने से पहले मंगलवार को उनकी फिर से मेडिकल जांच की गई।
चंडीगढ़ की विशेष अदालत ने शर्मा को एक दिन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया।
शर्मा के परिवार ने सीबीआई अधिकारियों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है, हालांकि एजेंसी के अधिकारियों ने आरोपों को खारिज किया है।
सीबीआई ने इस मामले में अब तक ईडी के सहायक निदेशक सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि विशाल दीप ने हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन रजनीश बंसल से ईडी द्वारा जांच किये जा रहे धनशोधन मामले में उन्हें गिरफ्तार नहीं करने के लिए 1.1 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी।
जांच एजेंसी ने कहा था कि बातचीत के बाद रकम घटाकर 60 लाख रुपये कर दी गई थी।
सीबीआई ने विशाल दीप की मुंबई में गिरफ्तारी के बाद उनकी ‘ट्रांजिट रिमांड’ का अनुरोध करते हुए दावा किया था कि रिश्वत की रकम दिये जाने से पहले विशाल दीप की शिकायतकर्ता से बातचीत की रिकॉर्डिंग है और वह उस जगह के पास मौजूद थे, जहां शिकायतकर्ता ने सह-आरोपी विकास दीप (विशाल दीप के भाई) और नीरज (उनके रिश्तेदार) को रिश्वत सौंपी थी।
आठ जनवरी को अदालत ने हिरासत आवेदन खारिज कर दिया था। बाद में, विशाल दीप को एजेंसी ने फिर से गिरफ्तार कर लिया और अब वह न्यायिक हिरासत में हैं।
भाषा
अमित माधव
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