महिला का सामाजिक बहिष्कार करने पर ‘जात पंचायत’ के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज |

महिला का सामाजिक बहिष्कार करने पर ‘जात पंचायत’ के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

महिला का सामाजिक बहिष्कार करने पर ‘जात पंचायत’ के सदस्यों के खिलाफ मुकदमा दर्ज

:   Modified Date:  September 27, 2024 / 03:56 PM IST, Published Date : September 27, 2024/3:56 pm IST

छत्रपति संभाजीनगर, 27 सितंबर (भाषा) महाराष्ट्र के बीड जिले में ससुर द्वारा प्रेम विवाह करने पर महिला और उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का फरमान जारी करने पर ‘जात पंचायत’ के नौ सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि कुछ दिन पहले घुमंतु जनजाति नंदीवाले (तीरमाली) की पंचायत ने महिला और उसके परिवार का ‘सात पुश्तों तक’ बहिष्कार करने का आदेश दिया था। उसने बताया कि पंचायत ने बहिष्कार का आदेश पारित करने से पहले महिला के परिवार के सदस्यों को धमकी दी थी कि अगर उन्होंने पुलिस से संपर्क किया तो उन्हें जान से मार देंगे।

जाति आधारित पंचायत को मराठी में ‘जात पंचायत’ कहा जाता है और इसका गठन समुदाय के भीतर के मामलों को सुलझाने के लिए किया जाता है। ये पंचायतें न्यायेत्तर निकाय की तरह काम करते हैं और अपने-अपने समुदायों पर एक तरह से शासन करते हैं।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पेशे से मजदूर महिला की शिकायत के आधार पर बीड के आष्टी पुलिस थाने में पंचायत के नौ सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

अधिकारी ने बताया कि 32 वषीय शिकायतकर्ता मालण फूलमाली बीड़ जिल के कडा कारखाना इलाके में पति शिवाजी और अपने बच्चों के साथ रहती है। उन्होंने शिकायत के हवाले से बताया कि महिला और उसके परिवार को दोइथान गांव की पंचायत के समक्ष 21 सितंबर को पेश होने का आदेश दिया गया और जब वे पंचायत में गए तो उस समय पंचायत के नौ सदस्यों के साथ उनके समुदाय के करीब 800 लोग एकत्र थे।

अधिकारी ने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि महिला और उसके परिवार को अगले दिन फिर बुलाया गया। पंचायत सदस्यों ने उसे बताया कि उसके ससुर नरसु फूलमाली ने बिना पंचायत की सहमति के प्रेम विवाह किया है और उसे उसके कृत्य के लिए 2.5 लाख रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है।

शिकायत के मुताबिक पंचायत सदस्यों ने कहा कि नरसु जुर्माना भरने में असफल रहा है अत: मालण और उसका परिवार इस राशि का भुगतान करे। पंचायत सदस्यों ने साथ ही धमकी दी कि अगर पुलिस से संपर्क किया जाता तो परिवार को जान से मार दिया जाएगा।

प्राथमिकी के मुताबिक मालण ने 2.5 लाख रुपये का जुर्माना भरने में असमर्थता जताई जिसके बाद पंचायत ने अगली सात पीढ़ियों तक परिवार का सामाजिक बहिष्कार करने का आदेश दिया।

अधिकारी ने बताया कि पंचायत के आदेश के बाद महिला ने पुलिस से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई।

उन्होंने बताया कि महिला की शिकायत के आधार पर गंगाधर पालवे, उत्तम फूलमाली, गंगा फूलमाली, चिन्नू फूलमाली, सुभाष फूलमाली, बाबूराव फूलमाली, शेतिबा काकडे, सायाजी फूलमाली और गुलाब पालवे के खिलाफ महाराष्ट्र में लोगों के सामाजिक बहिष्कार (निवारण, सरंक्षण और समाधान) अधिनियम 2016 और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत गैर कानूनी तरीके से जमा होने और धमकी देने की धाराओं के तहत नामजद प्राथमिकी दर्ज की।

आष्टी पुलिस थाना के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘ फिलहाल मामले की जांच की जा रही है और अबतक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

भाषा धीरज नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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