Case against mohan bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंबसेवक संघ के प्रामुह मोहन भगवत पर मुकदमा दर्ज कराया गया हैं। यह मुकदमा बिहार के मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा की तरफ से दर्ज कराया गया हैं। मोहन भागवत पर ब्राह्मणो को लेकर टिप्पणी करने का आरोप इस परिवाद में लगाया गया हैं। कोर्ट ने आने वाले 20 फरवरी को सुनवाई की तारीख मुकर्रर की है।
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Case against mohan bhagwat: परिवादी सुधीर कुमार ओझा ने मीडिया को जानकारी दी की मोहन भागवत का बयान अखबार में पढ़ा था। मोहन भागवत का यह बयान ब्राह्मणों को नीचा दिखाने वाला और उनके लिए अपमानजनक है। मोहन भागवत के इस बयान से हमे ठेस पहुंची है। ब्राह्मणों के प्रति ऐसा बयान देकर मोहन भागवत ने ब्राह्मणों को अपमानित करने का काम किया है । भारतीय दंड विधान की धारा 500,501,504,505,506,153 और 153 के तहत माननीय न्यायालय ने मामले को स्वीकार करते हुए दिनांक 20 फरवरी को अगली सुनवाई की तिथि तय की है।
Case against mohan bhagwat: बता दे की आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पिछले दिनों संत शिरोमणि रविदास की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कार्यक्रम के दौरान अपने सम्बोधन में संघ प्रमुख ने कहा था कि “सत्य ही ईश्वर है, सत्य कहता है कि मैं सर्वभूति हूं, रूप कुछ भी रहे योग्यता एक है, ऊंच-नीच नहीं है, शास्त्रों के आधार पर कुछ पंडित जो बताते हैं, वो झूठ है। जाति की श्रेष्ठता की कल्पना में ऊंच-नीच में अटक कर हम गुमराह हो गए, भ्रम दूर करना है।” भागवत के द्वारा जाति व्यवस्था के लिए ‘पंडितो’ को जिम्मेदार ठहराए जाने के बाद देशभर में उनके खिलाफ आवाजें उठने लगी थी, हालांकि आरएसएस ने उनके इस बयान का बचाव करते हुए इसे तोड़-मड़ोड़कर और गलत भावार्थ के साथ पेश किये जाने की बात कही थी.
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