वक्फ कानून में 2013 के संशोधन से पहले वक्फ संपत्ति के कब्जाधारियों पर मुकदमा नहीं चला सकते: अदालत

वक्फ कानून में 2013 के संशोधन से पहले वक्फ संपत्ति के कब्जाधारियों पर मुकदमा नहीं चला सकते: अदालत

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  • Publish Date - November 12, 2024 / 07:26 PM IST,
    Updated On - November 12, 2024 / 07:26 PM IST

नयी दि्ली, 12 नवंबर (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने कहा है कि 2013 में संशोधन द्वारा शामिल की गयी वक्फ अधिनियम की धारा 52ए यह नहीं कहती कि इससे पहले वक्फ संपत्ति पर कब्जा करने वालों पर वक्फ बोर्ड की मंजूरी के बिना ऐसी भूमि को हड़पने के लिए मुकदमा चलाया जा सकता है।

न्यायमूर्ति पी.वी. कुन्हीकृष्णन ने यह टिप्पणी डाक विभाग के उन दो अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए की जिन पर वक्फ बोर्ड की अनुमति के बिना वक्फ संपत्ति को कथित रूप से हड़पने का आरोप था।

केरल राज्य वक्फ बोर्ड की शिकायत पर अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की गई।

कोझिकोड में मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष लंबित आपराधिक कार्यवाही को रद्द करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि डाकघर 1999 से वक्फ संपत्ति पर काम कर रहा था और अधिनियम की धारा 52ए यह नहीं दर्शाती है कि जो व्यक्ति प्रावधान शामिल किए जाने से पहले भी ऐसी भूमि पर काबिज है, उसके खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है।

न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने कहा, “अतः मेरा विचार है कि याचिकाकर्ताओं के विरुद्ध अभियोजन टिकाऊ नहीं है।”

डाक विभाग के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत इसलिए दर्ज की गई थी क्योंकि वक्फ न्यायाधिकरण द्वारा 2018 में उन्हें संपत्ति खाली करने का निर्देश दिए जाने के बावजूद उन्होंने संपत्ति खाली नहीं की थी।

भाषा प्रशांत संतोष

संतोष