काम की कीमत पर प्रदर्शन नहीं किया जा सकता: न्यायालय ने बंगाल में प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से कहा

काम की कीमत पर प्रदर्शन नहीं किया जा सकता: न्यायालय ने बंगाल में प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से कहा

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  • Publish Date - September 9, 2024 / 06:54 PM IST,
    Updated On - September 9, 2024 / 06:54 PM IST

(तस्वीरों के साथ जारी)

नयी दिल्ली, नौ सितम्बर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कोलकाता स्थित आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और उसकी हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल के चिकित्सकों को काम पर तत्काल लौटने का निर्देश देते हुए सोमवार को कहा कि ‘‘विरोध प्रदर्शन कर्तव्य की कीमत पर नहीं किया जा सकता।’’

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को मंगलवार शाम पांच बजे तक काम पर लौटने का निर्देश दिया और उन्हें आश्वासन दिया कि अगर वे काम पर लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी।

पीठ ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल को चिकित्सकों के मन में यह भरोसा पैदा करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि सुरक्षा संबंधी उनकी चिंताओं पर उचित ध्यान दिया जा रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलाधिकारी और एसपी (पुलिस अधीक्षक) सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज और सार्वजनिक अस्पतालों में स्थिति का जायजा लेंगे और पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेंगे।’’

उसने कहा, ‘‘हम यह भी निर्देश देते हैं कि यदि चिकित्सक मंगलवार को शाम पांच बजे या उससे पहले काम पर लौटते हैं, तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। यदि वे काम से लगातार अनुपस्थित रहते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई किए जाने की संभावना है।’’

अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारी चिकित्सक आम लोगों की जरूरतों से मुंह नहीं मोड़ सकते।

उसने कहा, ‘‘कोई भी विरोध प्रदर्शन काम की कीमत पर नहीं हो सकता। युवा चिकित्सकों को अब काम पर लौटना चाहिए और मरीजों का उपचार करना चाहिए। हम जानते हैं कि जमीनी स्तर पर क्या हो रहा है। सबसे पहले, काम पर लौटें। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (आपकी) सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे। अब आपको काम पर लौटना होगा।’’

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से न्यायालय में पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना के खिलाफ चिकित्सकों की हड़ताल के कारण 23 लोगों की मौत हो चुकी है।

उन्होंने पीठ से कहा, ‘‘एक वस्तु-स्थिति रिपोर्ट दाखिल की गई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट जमा की है। चिकित्सकों की हड़ताल के कारण 23 लोगों की मौत हो चुकी है।’’

वरिष्ठ वकील ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों के कारण जनता परेशान है और राज्य में स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गई है।

न्यायालय ने बलात्कार और हत्या की घटना को ‘‘भयावह’’ करार देते हुए इसके संबंध में प्राथमिकी दर्ज करने में देरी को लेकर और हजारों लोगों को सरकारी अस्पताल में तोड़फोड़ करने की अनुमति देने को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति नाराजगी जताई थी।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की प्रशिक्षु परास्नातक चिकित्सक के साथ कथित रूप से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त को सेमिनार हॉल में मिला था। कोलकाता पुलिस ने अगले दिन इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को जांच कोलकाता पुलिस से सीबीआई को सौंपे जाने का निर्देश दिया था। सीबीआई ने अगले दिन यानी 14 अगस्त को जांच संभाल ली थी।

भाषा

सिम्मी दिलीप

दिलीप