शिक्षक भर्ती पर न्यायालय के फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती, लेकिन इसका पालन करूंगी: ममता
शिक्षक भर्ती पर न्यायालय के फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती, लेकिन इसका पालन करूंगी: ममता
(तस्वीर के साथ)
कोलकाता, तीन अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह न्यायपालिका का सम्मान करती हैं, लेकिन सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नियुक्तियों को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले से ‘‘मानवीय आधार पर’’ असहमत हैं।
बनर्जी ने विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को चुनौती देते हुए कहा कि वह प्रभावित उम्मीदवारों का समर्थन करने के लिए गिरफ्तार होने को तैयार हैं।
बनर्जी ने भाजपा और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) पर ‘‘षड्यंत्र रचने और फैसले को प्रभावित करने’’ का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करेगी, साथ ही वह सभी संभावित कानूनी विकल्पों पर भी विचार करेगी।
बनर्जी ने राज्य सचिवालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं न्यायपालिका और न्यायाधीशों का बहुत सम्मान करती हूं, लेकिन मानवीय दृष्टिकोण से मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकती। इस देश की नागरिक होने के नाते मुझे अपनी राय व्यक्त करने का पूरा अधिकार है। मैं न्यायाधीश और न्यायपालिका का सम्मान करती हूं, लेकिन मैं फैसले से असहमत हूं।’’
मुख्यमंत्री ने सवाल किया, ‘‘एक व्यक्ति के अपराध के कारण सभी को सजा कैसे मिल सकती है?’’
बनर्जी ने बर्खास्त शिक्षकों के समर्थन के लिए भाजपा द्वारा उन्हें निशाना बनाए जाने की आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे वकील इस मामले की समीक्षा करेंगे। अगर भाजपा मुझे उनका समर्थन करने के लिए जेल भेजना चाहती है, तो भेज सकती है। अगर आप चाहें तो मुझे पकड़ लें।’’
मुख्यमंत्री ने नयी दिल्ली में एक न्यायाधीश के आवास से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने का जिक्र करते हुए सवाल किया कि जब न्यायाधीश के घर से धन बरामद होता है, तो ऐसे मामलों में अलग रुख क्यों अपनाया जाता है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने एक न्यायाधीश के आवास से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने की खबरें सुनी और पढ़ी हैं। यदि आप किसी वर्तमान न्यायाधीश के घर से धन बरामद करते हैं, तो उसका केवल तबादला किया जाता है। फिर इन उम्मीदवारों का तबादला क्यों नहीं किया गया? यह आदेश (नियुक्तियां अमान्य घोषित करना) देने वाले पहले न्यायाधीश (कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय) अब भाजपा के सांसद हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला ‘‘भाजपा और माकपा के बीच साजिश का नतीजा है।’’
बनर्जी ने कहा कि इस फैसले से न केवल उम्मीदवारों पर, बल्कि उनके परिवारों पर भी असर पड़ा है।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘यह केवल 25,000 अभ्यार्थियों का मामला नहीं है; उनके परिवार भी प्रभावित हुए हैं। कुछ लोगों के लिए इतने सारे लोगों को सजा क्यों दी जानी चाहिए?’’
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने नियुक्तियों को रद्द करने संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के 22 अप्रैल 2024 के फैसले को बरकरार रखते हुए तृणमूल सरकार को नये सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया।
बनर्जी ने भाजपा पर जानबूझकर बंगाल को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए सवाल किया कि क्या राज्य में पैदा होना अपराध है। उन्होंने फैसले से शिक्षा प्रणाली पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंता जताई।
मुख्यमंत्री ने पूछा, ‘‘प्रभावित शिक्षकों में से 11,000 से अधिक शिक्षक कक्षा 9 और 10 में तथा 5,500 से अधिक शिक्षक कक्षा 11 और 12 में पढ़ाते थे। ये महत्वपूर्ण शैक्षणिक वर्ष हैं, ये उच्च शिक्षा का प्रवेश द्वार हैं। कई शिक्षक बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच कर रहे हैं। क्या भाजपा और माकपा चाहते हैं कि शिक्षा प्रणाली ध्वस्त हो जाए?’’
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि उनकी सरकार अदालत के फैसले का पालन करेगी, लेकिन सभी कानूनी रास्ते तलाशेगी।
बनर्जी ने स्पष्ट किया कि स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) एक स्वायत्त निकाय है और राज्य सरकार इसके निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करेगी।
उन्होंने इस मुद्दे पर अपनी सरकार के रुख का भी बचाव किया और भाजपा द्वारा सवाल उठाए जाने पर पलटवार किया।
बनर्जी ने कहा, ‘‘सुकांत मजूमदार ने कहा कि मैं इसके लिए जिम्मेदार हूं। वे हर समय बंगाल को क्यों निशाना बना रहे हैं? मैं बंगाल में पैदा हुई हूं और मैं भाजपा और केंद्र सरकार की मंशा जानती हूं।’’
बनर्जी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए इसकी तुलना भाजपा शासित मध्यप्रदेश के व्यापमं ‘घोटाले’ से की।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘हमारे पूर्व शिक्षा मंत्री जेल में हैं, लेकिन व्यापमं मामले में कितने भाजपा नेताओं को गिरफ्तार किया गया?’’
बनर्जी ने कहा कि वह उन लोगों का साथ देंगी, जिन्होंने अपनी नौकरी गंवाई है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि उम्मीदवार उदास हैं और मैं उनसे मिलूंगी। मैं मानवीय आधार पर उनके साथ हूं। मैं उनसे कहूंगी कि वे उम्मीद न खोएं।’’
बनर्जी ने कहा कि वह राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के साथ सात अप्रैल को नेताजी इंडोर स्टेडियम में बर्खास्त किए गए शिक्षकों से मिलेंगी।
भाषा धीरज पारुल
पारुल

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