चुनावों में प्रलोभन देकर जीतने वाले उम्मीदवारों की सदस्यता रद्द की जाए : रास में हुई मांग

चुनावों में प्रलोभन देकर जीतने वाले उम्मीदवारों की सदस्यता रद्द की जाए : रास में हुई मांग

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  • Publish Date - June 28, 2024 / 07:58 PM IST,
    Updated On - June 28, 2024 / 07:58 PM IST

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) राज्यसभा में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने कांग्रेस पर चुनावों में मतदाताओं को ‘झूठे प्रलोभन’ देने का आरोप लगाया और निर्वाचन आयोग से मांग की कि उसे इस पर रोक लगाने के लिए उपयुक्त कदम उठाने चाहिए तथा इस प्रकार से जीत दर्ज करने वाले सांसदों की सदस्यता रद्द कर देनी चाहिए।

भाजपा के अनिल बोंडे ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए आरोप लगाया कि उसकी आदत भ्रष्टाचार करने की है और पकड़े जाने पर वह एजेंसियों पर ही सवाल उठाने लगती है और न्यायिक व्यवस्था की आलोचना करने से भी परहेज नहीं करती है।

बोंडे उच्च सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग ले रहे थे।

लोकसभा चुनाव का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अब उसे झूठे प्रलोभन की आदत पड़ गई है। जहां कांग्रेस के उम्मीदवार थे वहां लोगों से यह कहते हुए फॉर्म भरवा लिए गए कि पार्टी के उम्मीदवारों की जीत पर उनके खातों में 8,500 रुपये खटाखट, खटाखट आएंगे।’’

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में महिलाएं, खासकर मुस्लिम महिलाएं- सांसदों और कांग्रेस कार्यालयों में पहुंच रही हैं और उनसे कह रही है कि ‘पैसे निकालो फटाफट, फटाफट’ लेकिन कांग्रेस वाले भाग रहे हैं ‘सटासट, सटासट, सटासट’।

बोंडे ने कहा, ‘‘लेकिन मेरा कहना है कि इनका निर्वाचन रद्द करो फटाफट, फटाफट। प्रलोभन देने के बाद जो वोट लेता है तो यह आचार संहिता का उल्लंघन है। इसलिए कार्रवई होनी चाहिए। मैं मांग करता हूं कि जहां-जहां प्रलोभन दिया गया है…उनके नेता ही बोल रहे थे कि खातों में रुपये आएंगे खटाखट। मैं चुनाव आयोग से इस संबंध में अपील करता हूं।’’

ज्ञात हो कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी जनसभाओं में कहा था कि अगर चुनाव में उनकी पार्टी की जीत हुई तो एक जुलाई, 2024 की सुबह गरीब परिवार की महिलाओं के बैंक खातों में 8500 रुपये दिए जाएंगे।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए भाजपा के रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक प्रणाली के साथ ही आज दुनिया भर में भारत के नेतृत्व की सराहना हो रही है।

उन्होंने कहा कि यह अनुकूल समय है कि सभी मिलकर विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए खुद को झोंक दें।

उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान संविधान बदलने और आरक्षण खत्म कर देने जैसी अफवाहें फैलाई गईं लेकिन अफसोस की बात यह है कि ऐसा करने वाले वही लोग थे जिन्होंने संविधान की मूल भावना को कुचलने का काम किया।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना के मिलिंद देवड़ा ने कहा कि वह एक दशक के बाद संसद पहुंचे हैं और इस दौरान बहुत कुछ बदल गया है।

उन्होंने कहा कि देश का संसद भवन नया है, जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाली महिला आज देश की राष्ट्रपति हैं और एक चाय बेचने वाला और साधारण पृष्ठभूमि से आने वाला व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री है।

उन्होंने कहा, ‘‘इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र बहुत मजबूत है। आज ऑटो चलाने वाला एक व्यक्ति महाराष्ट्र जैसे राज्य का मुख्यमंत्री बना है। इसका अर्थ है कि हमारा लोकतंत्र पहले के मुकाबले कहीं और मजबूत हुआ है।’’

देवड़ा ने कहा कि उन लोगों को सोचना चाहिए जो आरोप लगाते हैं कि लोकतंत्र खतरे में हैं और यह कमजोर हो रहा है।

लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है।

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में वैश्विक परिस्थितियों और विभिन्न कारणों से सत्ता विरोधी लहरों के कारण पाकिस्तान में छह प्रधानमंत्री हुए, ब्रिटेन में पांच, श्रीलंका में चार राष्ट्रपति, अमेरिका में तीन और फ्रांस में दो।

उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में यह भी हुआ है कि लोकसभा को एक नेता प्रतिपक्ष भी मिला है।

देवड़ा ने कहा कि यूं तो मोदी सरकार की कई उपलब्धियां हैं लेकिन वह एक उपलब्धि का जिक्र जरूर करना चाहेंगे और वह है देश के बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त बनाना।

उन्होंने 26/11 सहित मुंबई और महाराष्ट्र में हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस सरकार ने बड़े शहरों को आतंकवादी घटनाओं से मुक्त कर दिया है। उन्होंने कहा कि जब सुरक्षा होती है तो आर्थिक विकास भी तेजी से होता है और निवेशक भी आकर्षित होते हैं।

देवड़ा ने याद किया कि कैसे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 47 साल पहले उनके पिता मुरली देवड़ा को मुंबई का मेयर बनने में मदद की थी और अब उसी पार्टी ने उन्हें 47 साल की उम्र में उच्च सदन का सदस्य बनाया है। उन्होंने कहा, ‘कई मायनों में, जीवन का एक चक्र पूरा कर चुका है।

देवड़ा इस साल में जनवरी में कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हो गए थे।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र अविनाश

अविनाश