(तस्वीर सहित)
नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) कनाडा के व्यवहार को अत्यंत घटिया बताते हुए वहां से वापस बुलाए गए भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा ने कहा कि ऐसे देश ने, जिसे हम मित्रवत लोकतांत्रिक देश मानते हैं, भारत की पीठ में छुरा घोंपा और अत्यंत गैर-पेशेवर रवैया अपनाया।
कनाडा ने अपने नागरिक और भारत द्वारा खालिस्तानी आतंकवादी घोषित किए गए हरदीप सिंह निज्जर की जून 2023 में हत्या के मामले में पिछले सप्ताह कहा था कि वर्मा इस मामले में जांच के तहत ‘निगरानी की श्रेणी’ में हैं।
इस मामले में कनाडा आगे कोई कार्रवाई करता, उससे पहले भारत ने वर्मा और पांच अन्य राजनयिकों को वहां से वापस बुला लिया।
वर्मा ने भारत लौटने के बाद अपने पहले साक्षात्कार में ‘पीटीआई वीडियो सेवा’ से कहा, ‘‘यह अत्यंत दुखद है। यह द्विपक्षीय संबंधों के प्रति सर्वाधिक गैर-पेशेवर रवैया है। किसी भी राजनयिक के पास कूटनीतिक साधन होते हैं। एक देश के शीर्ष राजनयिक और अन्य राजनयिकों से पूछताछ के बजाय उन साधनों का इस्तेमाल किया जा सकता था।’’
वर्मा का यह साक्षात्कार बुधवार को रिकॉर्ड किया गया था।
पीटीआई के नयी दिल्ली स्थित स्टूडियो में अनेक विषयों पर बातचीत करते हुए वर्मा ने कनाडा में खालिस्तानी आंदोलन, स्थानीय नेताओं से राजनीतिक लाभ के लिए खालिस्तान समर्थकों को मिल रही सहायता और खालिस्तानियों की आपराधिक गतिविधियों आदि के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा, ‘‘जो बच्चा सबसे ज्यादा रोता है, मां सबसे पहले उसका पेट भरती है। इसी तरह, उन लोगों (खालिस्तान समर्थकों) की संख्या मुट्ठीभर ही है, लेकिन वे सबसे तेज आवाज में चिल्लाते हैं और कनाडा के नेताओं का उन पर सबसे अधिक ध्यान जाता है।’’
वर्मा ने कहा कि कनाडा में कट्टरपंथी खालिस्तानियों की संख्या महज करीब 10,000 है और करीब आठ लाख की सिख आबादी में उनके समर्थकों की संख्या संभवत: एक लाख है।
उन्होंने कहा, ‘‘वे समर्थन हासिल करने के लिए वहां आम सिखों को धमकाते हैं जिसमें इस तरह की धमकियां शामिल हैं कि ‘‘हमें पता है कि तुम्हारी बेटी कहां पढ़ रही है।’’
वर्मा ने कहा, ‘‘खालिस्तानियों ने कनाडा में खालिस्तान को एक कारोबार बना लिया है। खालिस्तान के नाम पर वे मानव तस्करी करते हैं, मादक पदार्थों की तस्करी करते हैं, हथियारों की तस्करी करते हैं और ऐसे सारे काम करते हैं। वे इससे बहुत धन जुटाते हैं और गुरुद्वारों के माध्यम से भी पैसा जुटाते हैं तथा इसका कुछ हिस्सा अपने सभी घृणित कृत्यों में खर्च करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि कनाडा की लचर कानून प्रणाली के कारण खालिस्तानी आतंकवादियों, उग्रवादियों को वहां शरण मिली है।
वर्मा ने कहा, ‘‘निज्जर हमारे लिए आतंकवादी था लेकिन लोकतंत्र में न्याय प्रणाली से परे कोई भी कृत्य गलत होता है, सच सामने आना चाहिए।’’
भाषा वैभव पवनेश
पवनेश