Agneepath Scheme : नई दिल्ली। 14 जून को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘अग्निपथ योजना’ की घोषणा की थी। योजना के ऐलान के बाद से ही ये सवालों के घेरे में आ गई। देश के अलग-अलग राज्यों में इसे लेकर विरोध शुरू हो गया। जिसके बाद सरकार ने युवाओं को इस योजना का लाभ समझाने के बहुत प्रयास किये। इसके बावजूद अब भी उनके मन में इस स्कीम को लेकर कई सवाल हैं। एक सर्वे में सोशल मीडिया से युवाओं के 5 सबसे ज्यादा पूछे गए सवाल निकाले हैं। तो चलिए हम आपको सवाल और उनके जवाब बताते हैं।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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जवाब: पहले साल सेना के तीनों अंग (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) को मिलाकर 46 हजार जवानों की भर्ती की जाएगी। इसके बाद अगले 4 से 5 सालों में इसे बढ़ाकर 50 से 60 हजार और उसके बाद 90 हजार से 1 लाख 20 हजार भर्तियां की जाएंगी।
बता दें कि पहले साल युवाओं को 30 हजार रुपए महीने पर रखा जाएगा। EPF/PPF को मिलाकर पहले साल अग्निवीर 4.76 लाख रुपए कमा पाएंगे। चौथे साल तक सैलरी 40 हजार रुपए हो जाएगी। यानी EPF/PPF मिलाकर साल भर में 6.92 लाख रुपए। इसके साथ ही आपको जानकारी दे दें कि सैलरी में जितना पैसा काटा जाएगा वो चार साल की सेवा खत्म होने के बाद ब्याज के साथ अग्निवीरों को दिया जाएगा। ये रकम करीब 11 लाख होगी।
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जवाब: सेना में सेवा करने के दौरान अग्निवीरों को हेल्थ सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन 4 साल पूरे होने के बाद उन्हें किसी भी तरह की पेंशन नहीं दी जाएगी। साथ ही पूर्व सैनिकों को दी जाने वाली सुविधाएं भी नहीं मिलेंगी। बता दें 4 साल बाद अग्निवीर सेना में परमानेंट जॉइनिंग के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इनमें से योग्यता के आधार पर 25% को रिटेन किया जाएगा। हालांकि ये तभी होगा जब उस वक्त सेना में भर्तियां निकली हों।
4 साल की सेवा के बाद 75% अग्निवीरों को सेवा निधि पैकेज के तौर पर 12 लाख रुपए दिए जाएंगे। जिससे वो अपना कोई काम शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा 48 लाख का इंश्योरेंस कवर होगा। हालांकि ये दोनों सुविधाएं उन 25% अग्निवीरों को भी मिलेंगी जिनका सेना में परमानेंट चयन किया जाएगा। इसके अलावा अगर सेवा के दौरान किसी अग्निवीर की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 48 लाख रुपए दिए जाएंगे।
जवाब: अग्निवीर एक अलग रैंक है। फिलहाल सिर्फ अग्निवीर रहते हुए उन्हें किसी तरह के प्रमोशन देने का नियम नहीं है।
जवाब: सेना में मौजूद बाकी जवानों से अलग दिखने के लिए अग्निवीरों को अलग बैच दिए जाएंगे। साथ ही काम के आधार पर उन्हें बाकी सैनिकों जैसा ही सम्मान और पुरस्कार मिलेगा। इसमें ऑफिसर रैंक के नीचे यानी रैंक पर्सनेल बिलो ऑफिसर रैंक या PBOR के तौर पर सैनिकों की भर्ती होगी।
जवाब: नहीं, सेना में भर्ती होने वाले अग्निवीरों को 4 साल का कार्यकाल पूरा करना होगा। इस बीच वो अपनी मर्जी से नौकरी नहीं छोड़ सकते। सिर्फ कुछ स्पेशल कंडीशन में ही अग्निवीर नौकरी छोड़ सकते हैं, लेकिन उसके लिए उन्हें होने ऑफिसर से परमिशन लेनी पड़ेगी। जो अग्निवीर बीच में नौकरी छोड़ेंगे, उन्हें सेवा निधि का वो हिस्सा दिया जाएगा, जिसमें उनका योगदान है। लेकिन सरकारी हिस्से की रकम उन्हें नहीं मिलेगी।
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