जम्मू/श्रीनगर, 23 सितंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए प्रचार अभियान सोमवार शाम को थम गया। दूसरे चरण के प्रचार अभियान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जहां सत्तारूढ़ दल के पक्ष में दो रैली की, वहीं राहुल गांधी ने कांग्रेस और गठबंधन के लिए वोट मांगे।
भाजपा और कांग्रेस की तरफ से कई अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर सहित केंद्र शासित प्रदेश के छह जिलों में फैले 26 विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की।
इस धमाकेदार प्रचार अभियान में लोगों से भावनात्मक अपील के साथ ही प्रतिद्वंद्वियों के बारे में ‘‘अभद्र’’ टिप्पणियां तक देखने को मिलीं।
पहले चरण के तहत 18 सितंबर को हुए मतदान में करीब 61.38 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जबकि शेष 40 विधानसभा क्षेत्रों के लिए तीसरे एवं अंतिम चरण के चुनाव एक अक्टूबर को होंगे। मतों की गिनती आठ अक्टूबर को होगी।
अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह पहला विधानसभा चुनाव है। पिछला विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी ने 19 सितंबर को दो रैलियों – एक श्रीनगर और एक रियासी जिले के कटरा में- को संबोधित किया जबकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजौरी, मेंढर, सुरनकोट, थानामंडी और नौशेरा में रैलियों को संबोधित किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए जम्मू क्षेत्र के दो जिलों में पहुंचे और रविवार को अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान पुंछ, बुधल और सुंदरबनी में रैलियों को संबोधित किया। भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी जम्मू में प्रचार किया।
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी शामिल थे। राहुल गांधी ने दो रैलियों – एक पुंछ के सुरनकोट निर्वाचन क्षेत्र में और दूसरी श्रीनगर के सेंट्रल-शालटेंग में – को संबोधित किया।
इसके अलावा, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार किया जबकि पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की तरफ से प्रचार अभियान की कमान पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने संभाली।
भाषा शफीक रंजन
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