कोलकाता, 22 नवंबर (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले के समुद्र तटीय रिसॉर्ट शहर मंदारमणि में कथित अवैध निर्माण को गिराने पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया।
याचिकाकर्ता ‘मंदारमणि होटलियर्स एसोसिएशन’ ने कहा कि पश्चिम बंगाल राज्य तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण (डब्ल्यूबीसीजेडएमए) के अध्यक्ष और पूर्व मेदिनीपुर के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा 11 नवंबर को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के मई, 2022 के आदेश के अनुसार मंदारमणि में होटल, रिसॉर्ट और होमस्टे द्वारा 20 नवंबर तक अवैध निर्माण को ध्वस्त करने और साफ करने के लिए कहा गया था।
बंगाल की खाड़ी के तट पर मंदारमणि के समुद्र तट के पास कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त करने पर अंतरिम रोक लगाते हुए न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने निर्देश दिया कि 11 नवंबर का नोटिस 13 दिसंबर तक या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, प्रभावी नहीं होगा।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि पश्चिम बंगाल के संबंध में तटीय विनियामक क्षेत्र (सीआरजेड) अभी तक प्रकाशित नहीं हुआ है और इसके मद्देनजर, इसकी पहचान नहीं की जा सकती।
याचिकाकर्ता ने ध्वस्तीकरण आदेश को चुनौती देते हुए यह भी दावा किया कि यह आदेश कानून के प्रावधानों से परे है और इसलिए इसके अनुपालन में कोई कदम नहीं उठाया जा सकता।
अदालत ने कहा कि मामले की अभी विस्तार से सुनवाई होनी है तथा पक्षों को अपने-अपने तर्कों के समर्थन में दलीलें पेश करनी हैं।
यह मानते हुए कि मंदारमणि में निर्माण को तत्काल ध्वस्त किये जाने का खतरा है, न्यायमूर्ति सिन्हा ने कथित अवैध निर्माण को ध्वस्त किये जाने के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
अदालत ने प्रतिवादी भारत संघ और अन्य को निर्देश दिया कि वे याचिका में प्रकथनों के संबंध में चार दिसंबर तक रिपोर्ट दाखिल करें और उनका जवाब यदि कोई हो तो, याचिकाकर्ता द्वारा सुनवाई की अगली तारीख 10 दिसंबर तक दिया जाए।
भाषा प्रशांत संतोष
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