कोलकाता, 28 जनवरी (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में 10 वर्षीय बच्ची से बलात्कार और हत्या के दोषी को सुनाई गई मौत की सजा के खिलाफ दायर अपील को विचारार्थ स्वीकार कर लिया है।
न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने राज्य सरकार को इस मामले में पक्षकारों को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है।
दोषी मुस्तकिन सरदार की अपील विचारार्थ स्वीकार करते हुए, खंडपीठ ने लड़की से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में मुकदमा चलाने वाली पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम) अदालत के रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार रशीदी की पीठ ने निचली अदालत के रिकॉर्ड प्राप्त होने के चार सप्ताह के भीतर ‘पेपर बुक’ तैयार करने का निर्देश दिया।
‘पेपर बुक’ में किसी मामले में पक्षकारों के बीच आदान-प्रदान की गई दलीलों की प्रतियां या सार होते हैं।
इसके बाद अदालत अपील पर सुनवाई करेगी।
बारुईपुर स्थित पॉक्सो अदालत ने पिछले साल 6 दिसंबर को 19 वर्षीय मुस्तकिन सरदार को 10 वर्षीय बच्ची से बलात्कार और हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई थी।
जयनगर के कुलतली इलाके में एक तालाब से पांच अक्टूबर को बच्ची का शव बरामद हुआ था। ट्यूशन क्लास से घर लौटते समय बच्ची लापता हो गयी थी।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुब्रत चट्टोपाध्याय ने सरदार को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 65 (बलात्कार), धारा 66 (पीड़िता की मृत्यु या स्थायी अचेतन अवस्था में डालने के लिए सजा) और धारा 103 (हत्या) तथा यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) की प्रासंगिक धाराओं के तहत दोषी ठहराया था।
अदालत ने इस घटना को ‘दुर्लभतम’ करार देते हुए दोषी को मौत की सजा सुनाई थी।
पुलिस ने 30 अक्टूबर को आरोप पत्र दायर किया था और 5 नवंबर से शुरू हुए मुकदमे को महज 21 दिनों में पूरा कर लिया गया।
भाषा राखी दिलीप
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