उत्तराखंड में बस खाई में गिरी; 36 यात्रियों की मौत, मुख्यमंत्री ने अनुग्रह राशि की घोषणा की

उत्तराखंड में बस खाई में गिरी; 36 यात्रियों की मौत, मुख्यमंत्री ने अनुग्रह राशि की घोषणा की

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  • Publish Date - November 4, 2024 / 02:30 PM IST,
    Updated On - November 4, 2024 / 02:30 PM IST

(तस्वीर सहित)

मरचूला(उत्तराखंड), चार नवंबर (भाषा) उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक प्राइवेट बस के सोमवार को गहरी खाई में गिर जाने से 36 यात्रियों की मौत हो गई और 24 अन्य घायल हो गए। बस में 60 यात्री सवार थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा और घायलों को एक-एक लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की।

अधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री दुर्घटना स्थल के लिए रवाना हो गए हैं।

अल्मोड़ा के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने पीटीआई-भाषा को बताया कि घायलों में से चार की हालत गंभीर है जिनमें से तीन को विमान के जरिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश भेजा गया है और एक को सुशीला तिवारी अस्पताल, हल्द्वानी भेजा गया है।

उन्होंने बताया कि घटना के वक्त 43 सीट वाली बस में करीब 60 लोग सवार थे। उन्होंने बताया कि बस में क्षमता से अधिक यात्रियों का होना दुर्घटना का कारण हो सकता है।

जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे ने बताया कि गढ़वाल मोटर ओनर एसोसिएशन द्वारा संचालित यह बस गढ़वाल क्षेत्र में पौड़ी से कल शाम रवाना हुई थी और लगभग 250 किलोमीटर दूर कुमाऊं में रामनगर जा रही थी तथा सुबह करीब आठ बजे यह दुर्घटना हुई।

उन्होंने बताया कि बस अपने गंतव्य रामनगर से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर थी जब यह अल्मोड़ा के मरचूला क्षेत्र में 200 मीटर गहरी खाई में गिर गई।

उन्होंने बताया कि पुलिस और एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिवादन बल) के कर्मी तलाश एवं बचाव अभियान शुरू करने के लिए तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे।

दुर्घटना के बाद पौड़ी एवं अल्मोड़ा के सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है और मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं।

दुर्घटनास्थल से प्राप्त फोटो हादसे की भयावहता को दर्शाते हैं। वाहन जंगल से घिरे इलाके में चट्टानी ढलान से लुढ़कते हुए क्षतिग्रस्त हो गया और एक नाले से कुछ ही दूरी पर रुक गया। कुछ तस्वीरों में बचावकर्मी यात्रियों को बस से बाहर निकालने का प्रयास करते दिख रहे हैं।

पाल ने कहा कि दुर्घटना में 36 यात्रियों की मौत हुई है और 24 अन्य घायल हुए हैं।

गढ़वाल मोटर ओनर्स एसोसिएशन की बस, त्यौहार के मौके पर हफ्तेभर की छुटि्टयां घर पर बिताने के बाद काम पर लौट रहे लोगों को लेकर जा रही थी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस दुर्घटना पर दुख जताया और कहा कि राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है।

उन्होंने प्रत्येक मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) से दो लाख रुपये तथा घायलों को 50,000 रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में मोदी ने कहा, ‘‘उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुए सड़क हादसे में जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक-संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों की शीघ्र कुशलता की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है।’’

एक अन्य ‘एक्स’ पोस्ट में पीएमओ ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा में सड़क दुर्घटना में मरने वालों के परिजनों को पीएमएनआरएफ से अनुग्रह राशि के तौर पर दो-दो लाख रुपये दिए जाने की घोषणा की है। घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे।’’

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस हादसे में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया।

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘उत्तराखंड के अल्मोड़ा में हुई बस दुर्घटना अत्यंत दुःखद है। इस हादसे में अपना जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। स्थानीय प्रशासन द्वारा घायलों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।’’

घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘अल्मोड़ा जिले के मरचूला में हुई दुर्भाग्यपूर्ण बस दुर्घटना में यात्रियों के हताहत होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। जिला प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य तेजी से संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं।’’

धामी ने कहा, ‘‘स्थानीय प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम घायलों को निकालने और उन्हें निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के लिए तेजी से काम कर रही हैं। जरूरत पड़ने पर गंभीर रूप से घायल यात्रियों को विमान से पहुंचाने के भी निर्देश दिए गए हैं।’’

भाषा सुरभि नरेश

नरेश