Jalore News: राजस्थान में हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जालोर का ओडवाड़ा गांव से अतिक्रमण की कार्रवाई शुरू कर दी है। इन दिनों प्रदेश भर में यह गांव सुर्खियों में बना हुआ है। गुरुवार को प्रशासन ने यहां के ओरण यानी चारागाह की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है जिसके बाद यहां से दर्दनाक वीडियो और फोटो सामने आ रहे हैं रोती बिलखती महिलाएं नजर आ रही हैं।
आपको बता दें कि यहां पर जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में बुलडोजर चल रहा है। नहीं हटने पर पुलिस हल्का बल भी प्रयोग कर रही है। गांव में दो भाइयों के बीच विवाद के बार कोर्ट ने आदेश दिए थे। लेकिन चारागाह भूमि यानी ओरण पर लोगों का अतिक्रमण से मोह नहीं छूट रहा। लंबे समय से जिला प्रशासन अतिक्रमण करने वालों को वार्निंग देता रहा है लेकिन लोग नहीं माने।
इसबार राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर गुरुवार को एक बार फिर अतिक्रमण हटाने के कार्रवाई शुरू हुई। पहले दिन अतिक्रमण में शामिल दो दीवारों को बुलडोजर से गिराया गया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए, जिनके आधार पर कांग्रेस भी राज्य की बीजेपी की भजनलाल सरकार पर हमलावर हो गई है। हालांकि आपको बता दें कि कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने भी यहीं पर 67 कच्चे अतिक्रमण हटाए थे।
@BhajanlalBjp कृपया मामले को गंभीरता से ले…..!#ओडवाड़ा_को_बचाओ pic.twitter.com/LFFyXVMApm
— AZAAD BISHNOI
(@BishnoiAzaad) May 16, 2024
गुरुवार सुबह कार्रवाई शुरू की गई, जहां कुछ विरोध के मामले सामने आए। प्रशासन ने काफी संख्या में अतिक्रमण हटा दिया है। जिसमें कई पक्के निर्माण भी थे। बताया जा रहा है कि ओड़वाड़ा गांव में दो भाइयों के बीच हुए विवाद के बाद एक पक्ष ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी थी। गांव में ओरण में अतिक्रमण होने का मामला दायर किया गया था। इसकी जांच पड़ताल के बाद न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के आदेश तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार को बीते वर्ष भी दिए थे। उस दौरान प्रशासन ने यहां से 67 कच्चे अतिक्रमण हटाए थे।
राजस्थान के जालोर की ये तस्वीर अंग्रेजी हुकूमत की तानाशाही के समान है ।
राजस्थान प्रदेश की भाजपा सरकार को शर्म आनी चाहिए।
ओडवाड़ा की ये चीखें सरकार तक पहुंच पा रही हैं या नहीं?
@BhajanlalBjp जी थोड़ी बहुत शर्म बची हुई है तो इस भीषण गर्मी में इन गरीबों पर रहम कर लो…..वैसे भी… pic.twitter.com/A98hNMxI3U
— Pappu Ram Mundru INC (@PRMundru) May 16, 2024
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं कि राजस्थान में गर्मी को देखते हुए मोहलत देनी चाहिए थी जिस पर शंकरलाल मीणा, आहोर उपखंड अधिकारी ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए आवासरत किसी व्यक्ति को बेघर करने का प्रयास नहीं किया गया है। सिर्फ दीवारों को तोड़ा गया है। न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई की गई है।
महिलाओं की चीख पुकार के बीच उजड़ते घरों को देखना भयावाह है!#ओडवाडा उजड़ता हुआ! अगर ये मकान ओरण भूमि में बने भी है तो प्रशासन कहां था तब, घर बनाने ही क्यों दिए। अब बने बनाए 440 आशियाने तोड़ने का क्या मतलब, कुछ और भी हल निकाल सकते है #ओडवाडा_को_बचाओ pic.twitter.com/Gi4M6tfykh
— Manraj Meena (@ManrajM7) May 16, 2024
आहोर उपखंड अधिकारी शंकरलाल मीणा के अनुसार करीब 35 एकड़ जमीन में 138 पक्के निर्माण चिन्हित किए गए हैं, जिन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है। शंकरलाल मीणा ने बताया कि इसमें कई लोगों ने न्यायालय से फिर से स्थगन आदेश भी ले रखा है, लेकिन गुरुवार को 138 चिन्हित पक्के निर्माण को हटाने की कार्रवाई की गई है। मीणा ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए आवासरत किसी व्यक्ति को बेघर करने का प्रयास नहीं किया गया है सिर्फ दीवारों को तोड़ा गया है। न्यायालय की पालना में कार्रवाई की गई है। इस संबंध में 20 मई को प्रशासन की ओर से न्यायालय में जवाब पेश करना है।
बीच का रास्ता निकालो
ऐसे वीडियो देखने पर तो हिम्मत ही नही होती बोलने लिखने की
#ओडवाड़ा_को_बचाओpic.twitter.com/N7My6ykDsk — Ganesh Bhamu (@GaneshBhamu87) May 16, 2024
वहीं इस पर सचिन पायलट ने लिखा है कि ‘जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिये कार्यवाही करनी चाहिये थी। पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह है कि इस मुद्दे को शांति एवं बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए।
जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं।
ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं।सरकार को इनके अधिकारों के लिये न्यायपालिका के… pic.twitter.com/AT910NBrEK
— Sachin Pilot (@SachinPilot) May 16, 2024