कोलकाता, 23 जून (भाषा) भारत और बांग्लादेश के सीमा रक्षा बलों ने रविवार को वार्षिक समन्वय सम्मेलन के दूसरे दिन घुसपैठ और सीमा विवाद सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के कर्मियों की भागीदारी वाले चार दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देना और दोनों पड़ोसी देशों के बीच सहयोग की भावना को मजबूत करना है।
बीएसएफ दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक (आईजी) आयुष मणि तिवारी के नेतृत्व में 14 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल 11 सदस्यीय बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत कर रहा है। बीजीबी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व ब्रिगेडियर जनरल शमीम अहमद, एडीजी, क्षेत्र कमांडर, दक्षिण पश्चिम क्षेत्र, जेसोर कर रहे हैं।
बल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि दोनों सुरक्षाबलों के बीच सीमा पार अपराध के खिलाफ संयुक्त प्रयास, सीमा क्षेत्र में लंबित विकास कार्य और अवैध सीमा पार आवाजाही को रोकने के उपायों सहित आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।
बयान में कहा गया कि वार्ता का उद्देश्य सीमा विवादों को सुलझाना और सीमा प्रबंधन प्रभावशीलता को बढ़ाना भी है।
बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन सीमा पर अधिक सुरक्षित माहौल को बढ़ावा देने तथा क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
यह सम्मेलन शनिवार और रविवार को पश्चिम बंगाल के मालदा और मुर्शिदाबाद जिलों में बीएसएफ कर्मियों और बांग्लादेशी मवेशी तस्करों के बीच हुई गोलीबारी की पृष्ठभूमि में हो रहा है।
बीएसएफ के एक बयान में कहा गया है कि दोनों सुरक्षा बलों के बीच सीमा पार अपराध के खिलाफ संयुक्त प्रयास, सीमा क्षेत्र में लंबित विकास कार्य और अवैध सीमा पार आवाजाही को रोकने के उपायों सहित आपसी हित के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जा रही है।
बयान में कहा गया कि वार्ता का उद्देश्य सीमा विवादों को सुलझाना और सीमा प्रबंधन प्रभावशीलता को बढ़ाना भी है।
बीएसएफ के प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन सीमा पर अधिक सुरक्षित माहौल को बढ़ावा देने तथा क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
भाषा आशीष नेत्रपाल
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