बीआरएस नेता रामा राव ने तेलंगाना की मंत्री सुरेखा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया

बीआरएस नेता रामा राव ने तेलंगाना की मंत्री सुरेखा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया

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  • Publish Date - October 10, 2024 / 07:34 PM IST,
    Updated On - October 10, 2024 / 07:34 PM IST

हैदराबाद, 10 अक्टूबर (भाषा) भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने तेलंगाना की मंत्री कोंडा सुरेखा के खिलाफ शहर की एक अदालत में बृहस्पतिवार को मानहानि का मुकदमा दायर किया।

सुरेखा ने आरोप लगाया था कि अभिनेत्री सामंथा रुथ प्रभु और अभिनेता नागा चैतन्य के तलाक के लिए रामा राव जिम्मेदार हैं।

रामा राव ने इससे पहले दो अक्टूबर को सुरेखा को कानूनी नोटिस भेजा था और उनसे कहा था कि वह अपनी टिप्पणियों के लिए माफी मांगें।

रामा राव ने आरोप लगाया कि सुरेखा ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और उन्हें बदनाम करने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से अपमानजनक बयान दिया, जो भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत दंडनीय अपराध है।

सुरेखा ने यह आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया था कि सामंथा रुथ प्रभु और नागा चैतन्य के 2021 में हुए तलाक के लिए रामा राव जिम्मेदार थे। रामा राव को केटीआर के नाम से भी जाना जाता है।

वन मंत्री सुरेखा ने अपना बयान वापस ले लिया था। इस बयान को लेकर राजनीतिक हलकों और तेलुगु सिनेमा उद्योग से कड़ी प्रतिक्रियाएं आईं थीं। प्रभु और नागा चैतन्य ने मंत्री की टिप्पणियों की आलोचना की थी और कहा था कि उनका तलाक आपसी सहमति से हुआ और यह उनका निजी फैसला था।

नागा चैतन्य के पिता और जाने-माने तेलुगु अभिनेता नागार्जुन ने बाद में सुरेखा के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दर्ज कराई थी। नागार्जुन ने सुरेखा पर उनके और उनके परिवार के खिलाफ अपमानजनक बयान देने का आरोप लगाया था।

रामा राव ने अपनी शिकायत में कहा कि सुरेखा ने उनके खिलाफ आरोप केवल उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए ‘सस्ता प्रचार’ हासिल करने के इरादे से लगाए।

उन्होंने कहा कि सुरेखा ने अप्रैल 2024 में चुनाव प्रचार के दौरान भी उनके खिलाफ इसी तरह के अपमानजनक बयान दिए थे। निर्वाचन आयोग ने तब सुरेखा से नाखुशी जताई थी और उन्हें संयमित व्यवहार करने का निर्देश दिया था।

इस बीच, अदालत ने नागार्जुन द्वारा दायर आपराधिक मानहानि शिकायत मामले में सुरेखा को बृहस्पतिवार को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। अदालत ने मामले की सुनवाई 23 अक्टूबर तक स्थगित कर दी।

भाषा सिम्मी वैभव

वैभव