तिरुवनंतपुरम, 29 जनवरी (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा पलक्कड़ में एक शराब बनाने वाली इकाई के आवंटन से संबंधित भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करने के कुछ दिनों बाद, विपक्षी यूडीएफ ने बुधवार को एक कैबिनेट नोट जारी किया, जिसमें उन्होंने अपना आरोप दोहराया कि यह निर्णय संबंधित सरकारी विभागों से परामर्श के बिना किया गया था।
यूडीएफ ने आरोप लगाया कि ओएसिस कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को शराब निर्माण संयंत्र स्थापित करने की अनुमति देने का निर्णय मुख्यमंत्री विजयन और आबकारी मंत्री एम बी राजेश ने एकतरफा लिया।
नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन ने कहा कि 15 जनवरी को जारी कैबिनेट नोट स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इस मामले में किसी अन्य विभाग से अनुमति नहीं ली गई और न ही कोई चर्चा हुई।
उन्होंने कहा, ‘दस्तावेज़ इस बात की पुष्टि करता है कि यह विवादास्पद निर्णय मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री ने अकेले लिया, न कि सरकार के भीतर या एलडीएफ के साथ चर्चा के बाद।’
सतीशन ने आरोप लगाया कि वित्त, जल संसाधन, उद्योग और स्थानीय स्वशासन जैसे विभागों को इस परियोजना की कोई जानकारी नहीं थी।
उन्होंने यह भी पूछा कि सरकार इस मामले में इतनी गोपनीयता क्यों बरत रही है।
विजयन ने सदन में स्पष्ट किया था कि परियोजना के लिए दी गई प्रारंभिक अनुमति सरकार के पूर्ण विवेक पर निर्भर है, और इसके लिए पंचायत से परामर्श की आवश्यकता नहीं है।
कैबिनेट ने पिछले सप्ताह इस प्रस्ताव को मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार स्वीकृति प्रदान की थी।
यूडीएफ ने इस परियोजना को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि यह राज्य की जनता के लिए अनावश्यक है और पलक्कड़ जिले में पीने के पानी की किल्लत को और बढ़ा सकती है।
भाषा राखी रंजन
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