माओवादियों से संबंध मामले में DU के प्रोफेसर साईबाबा बरी, बॉम्बे हाईकोर्ट ने दिया तत्काल रिहा करने का आदेश

Bombay High Court : बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने माओवादियों से कथित संबंधों से जुड़े मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व

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  • Publish Date - October 14, 2022 / 11:28 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:28 PM IST

Bombay High Court

नागपुर : Bombay High Court : बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने माओवादियों से कथित संबंधों से जुड़े मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा को शुक्रवार को बरी कर दिया और उन्हें जेल से तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। न्यायमूर्ति रोहित देव और न्यायमूर्ति अनिल पानसरे की खंडपीठ ने साईबाबा को दोषी करार देने और आजीवन कारावास की सजा सुनाने के निचली अदालत के 2017 के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका स्वीकार कर ली।

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Bombay High Court : साईबाबा शारीरिक अक्षमता के कारण व्हीलचेयर की मदद लेते हैं। उन्हें नागपुर केंद्रीय कारागार में रखा गया है। पीठ ने मामले के पांच अन्य दोषियों की याचिका भी स्वीकार कर ली और उन्हें बरी कर दिया। इनमें से एक याचिकाकर्ता की मामले में सुनवाई लंबित होने के दौरान मौत हो चुकी है। पीठ ने आदेश दिया कि यदि याचिकाकर्ता किसी अन्य मामले में आरोपी नहीं हैं तो उन्हें जेल से तत्काल रिहा किया जाए।

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Bombay High Court : महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की एक सत्र अदालत ने मार्च 2017 में साईबाबा, एक पत्रकार और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के एक छात्र सहित अन्य को माओवादियों से कथित संबंधों और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने की गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ठहराया था। अदालत ने साईबाबा और अन्य को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत दोषी करार दिया था।

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