यूसीसी पर भाजपा का जोर चुनाव से पहले महज ‘‘राजनीतिक स्टंट’’ : जदयू
यूसीसी पर भाजपा का जोर चुनाव से पहले महज ‘‘राजनीतिक स्टंट’’ : जदयू
नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) जनता दल यूनाइटेड (जद यू) ने अगले साल के लोकसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को आगे बढ़ाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास को ‘ राजनीतिक स्टंट’ करार दिया और दावा किया कि उनके बयान का अल्पसंख्यकों के कल्याण से कोई लेना-देना नहीं है।
जद-यू प्रवक्ता के सी त्यागी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 44 कहता है कि राज्य अपने सभी नागरिकों को यूसीसी देने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा कि लेकिन यह उपबंध राज्य के नीति निर्देशक तत्व का हिस्सा है न कि मौलिक अधिकार।
त्यागी ने कहा, ‘‘राज्य को यूसीसी लाने का प्रयास तो करना चाहिए लेकिन इस प्रयास के टिकाऊ एवं स्थायी होने के लिए इसे आम सहमति पर आधारित होना चाहिए न कि ऊपर से थोपा जाना चाहिए…।’’
उन्होंने दावा किया कि अगले साल के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री द्वारा यूसीसी को आगे बढ़ाने का प्रयास बस एक ‘राजनीतिक स्टंट’ है और इसका मकसद अल्पसंख्यकों का कल्याण कतई नहीं है।
त्यागी ने कहा कि यह हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा देश विभिन्न धर्मों एवं जातीय समूहों को लेकर कानूनों एवं शासन संबंधी सिद्धांतों के सिलसिले में नाजुक संतुलन पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बिना विस्तृत विचार-विमर्श, विभिन्न धार्मिक समूहों खासकर अल्पसंख्यकों की सहमति के बगैर यूसीसी थोपने से सामाजिक टकराव पैदा हो सकता है तथा धर्म की आजादी की संवैधानिक गांरटी में विश्वास डगमगा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा मत है कि विभिन्न धार्मिक समूहों से अब तक ऐसा विस्तृत विचार-विमर्श नहीं किया गया है। ऐसी प्रक्रिया के अभाव में कोई अपरिपक्व प्रयास या शादी, तलाक, गोद लेने, विरासत और संपत्ति के अधिकार एवं उत्तराधिकार से जुड़े धार्मिक प्रथाओं में दखल देने की कोशिश स्पष्टत: उचित नहीं है।’’
भाषा राजकुमार अविनाश
अविनाश पवनेश
पवनेश

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