यूपी निकाय चुनाव में भाजपा की बंपर जीत, सभी 17 नगर निगमों में किया कब्जा, यहां जानें किसकों-कितनी वोट मिली

BJP's bumper victory in UP Municipal Corporation elections, captured all 17 municipal corporations

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  • Publish Date - May 13, 2023 / 08:17 PM IST,
    Updated On - May 13, 2023 / 08:58 PM IST

अयोध्या/लखनऊ  :  उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में शनिवार को हुई मतगणना में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में महापौर सीट अपने पास बरकरार रखी, वहीं राज्‍य के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर में भी फिर से पार्टी के उम्मीदवार को मतदाताओं ने महापौर चुना है। राज्‍य निर्वाचन आयोग के अनुसार उप्र के 17 नगर निगमों में 15 सीटों के चुनाव परिणाम घोषित कर दिये गये हैं और इनमें सभी पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार महापौर चुने गये हैं।

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आयोग ने बताया कि भाजपा को अयोध्या और गोरखपुर के अलावा अलीगढ़, आगरा, कानपुर नगर, प्रयागराज, गाजियाबाद, झांसी, मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन, बरेली, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद नगर निगमों में भी महापौर पद पर जीत मिली है। अभी सिर्फ प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के निर्वाचन क्षेत्र एवं प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम महापौर का परिणाम आना बाकी है। भाजपा ने 17 नगर निगमों में कानपुर नगर की मेयर प्रमिला पांडेय, बरेली के उमेश गौतम और मुरादाबाद के विनोद अग्रवाल को दोबारा मौका दिया था और तीनों फिर से चुनाव जीतने में सफल रहे। इसके अलावा भाजपा ने अन्‍य 14 नगर निगमों में नये चेहरों पर दांव लगाया था।

एसईसी के अनुसार गोरखपुर में भारतीय जनता पार्टी के डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी (सपा) की काजल निषाद (सिने अभिनेत्री) को पराजित किया। डॉक्टर श्रीवास्तव को कुल 180629 मत मिले जबकि निषाद को 119753 मत मिले। कुल 13 उम्मीदवारों में बसपा तीसरे, एआईएमआईएम चौथे और कांग्रेस के उम्मीदवार पांचवें स्थान पर रहे। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, अयोध्या में भाजपा के गिरीश पति त्रिपाठी ने 77,494 मतों के साथ महापौर का चुनाव जीता और समाजवादी पार्टी (सपा) के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी आशीष को 35,638 मतों के अंतर से हराया। आशीष को 41856 वोट मिले।

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अयोध्या की महापौर सीट अनारक्षित है। दिलचस्प बात यह है कि एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के उम्मीदवार रेहान ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राम मूर्ति (12,852) और कांग्रेस की प्रमिला राजपूत (4,084) से ज्यादा 15,107 वोट पाकर तीसरा स्थान हासिल किया। अयोध्या में आठ मई को मणिराम दास छावनी में आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए योगी ने भाजपा के महापौर प्रत्याशी गिरीश पति त्रिपाठी का समर्थन करते हुए कहा था, ‘‘अयोध्या से कोई राम भक्त लोकतंत्र के इस पर्व (नगर निकाय चुनाव) में विजयी होता है तो यहां के बारे में अच्छी धारणा बनती है।’’ उन्होंने कहा था कि जब रामभक्तों पर गोली चलाने वाला व्यक्ति कुछ वोट पाता है तो इसका बहुत खराब संदेश जाता है। 2017 के नगर निकाय चुनावों में अयोध्या ने अपना पहला महापौर चुना था और भाजपा के ऋषिकेश उपाध्याय विजयी बने थे। कानपुर नगर में भाजपा की प्रमिला पांडेय ने 440353 मत पाकर अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की वंदना वाजपेयी को पराजित किया। वंदना को 262507 मत मिले। यहां कुल 13 उम्मीदवार थे और तीसरे नंबर पर रही कांग्रेस की आशनी विकास अवस्थी को 90480 मत मिले।

झांसी में, भाजपा के बिहारी लाल आर्य ने 1,23,503 वोट हासिल किए और कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी अरविंद कुमार को 83,587 मतों के अंतर से हराया। बहुजन समाज पार्टी तीसरे स्थान पर रही, जबकि समाजवादी पार्टी ने चौथा स्थान हासिल किया। बरेली में, भाजपा के उमेश गौतम ने निर्दलीय उम्मीदवार इकबाल सिंह तोमर को 56,343 मतों के अंतर से हराकर 1.67 लाख से अधिक मत प्राप्त किए। गौतम को भाजपा ने दोबारा मौका दिया था और वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे।

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मंदिरों के शहर मथुरा-वृंदावन में भी भाजपा उम्मीदवार विनोद कुमार अग्रवाल ने 1.45 लाख से अधिक वोट हासिल किए और बसपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजा मोहतसिम अहमद को 1.10 लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया। मुरादाबाद में भाजपा के विनोद अग्रवाल (1.21 लाख से ज्यादा वोट) ने कांग्रेस के मोहम्मद रिजवान (1.17 लाख से ज्यादा वोट) को 3,642 वोटों के अंतर से हराया। इसी प्रकार सहारनपुर में भाजपा के अजय कुमार ने बसपा की खदीजा मसूद को 8031 मतों के अंतर से हराया। प्रयागराज में उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने 2.35 लाख से अधिक वोट हासिल किए और समाजवादी पार्टी के अजय कुमार श्रीवास्तव को हराया, जिन्हें 1.06 लाख से अधिक वोट मिले थे। पिछले महापौर चुनाव में बसपा द्वारा जीते गए अलीगढ़ में भाजपा के प्रशांत सिंघल ने 1.93 लाख से अधिक वोट हासिल कर सपा के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी जमीर उल्लाह खान को 60,902 मतों के अंतर से हरा दिया। यहां बसपा के सलमान शाहिद तीसरे स्थान पर रहे।

शाहजहांपुर, में भाजपा की अर्चना वर्मा ने मेयर की सीट पर 80,762 मतों से जीत हासिल की और कांग्रेस के निकहत इकबाल को 50,484 मतों से हराया। गाजियाबाद में, भाजपा की सुनीता दयाल ने 3,50,905 वोट हासिल कर बसपा की निसारा खान को पराजित किया, जिन्हें केवल 63,249 वोट मिले। आगरा में भाजपा की हेमलता दिवाकर ने बसपा की लता को पराजित किया। हेमलता को 440353 और लता को 159497 मत मिले। सपा की जूही प्रकाश तीसरे नंबर पर रहीं। मेरठ में भाजपा के हरिकांत अहलूवालिया ने 235953 मत पाकर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एआइएमआइएम के अनस को पराजित किया। अनस को 128547 मत मिले। सपा की सीमा प्रधान 115964 मत पाकर तीसरे स्‍थान पर रहीं जबकि 2017 में मेरठ महापौर की सीट पर कब्जा करने वाली बसपा अबकी बार चौथे स्थान पर चली गयी।

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फिरोजाबाद में भाजपा की कामिनी राठौर 101416 मत पाकर सपा की मशरुर फातिमा (74447) को पराजित करने में सफल रहीं। यहां बसपा तीसरे नंबर पर रही। आयोग के अनुसार, आगरा में मेयर की सीट अनुसूचित जाति (महिला), झांसी में अनुसूचित जाति, शाहजहांपुर और फिरोजाबाद में अन्‍य पिछड़ा वर्ग (महिला) के लिए आरक्षित की गई है जबकि ओबीसी के लिए सहारनपुर और मेरठ आरिक्षत की गयी हैं। महिलाओं के लिए लखनऊ, कानपुर और गाजियाबाद सीटें आरक्षित हैं। वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, गोरखपुर, अयोध्या, मथुरा-वृंदावन की महापौर सीटें अनारक्षित हैं। नगर निकाय चुनाव के लिए दो चरणों में चार मई और 11 मई को मतदान हुआ। वर्ष 2017 में नगर निगमों के चुनाव में कुल 16 सीटों में 14 सीटों पर भाजपा के महापौर निर्वाचित हुए थे जबकि अलीगढ़ और मेरठ में बसपा के उम्मीदवारों को जीत मिली थी।