बंद होगा फ्री देने का कल्चर! घोषणा पत्र में ’मुफ्त वाले वादे’ नहीं करेगी BJP, गुजरात-हिमाचल चुनाव से नई रणनीति

पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में चुनावों में मुफ्त की रेवड़ियां बांटने वाले दलों पर परोक्ष रूप से तंज कसा था। इस पर सियासी हमले भी हुए, इन सबके बीच भाजपा में यह आम राय बनी है

  •  
  • Publish Date - July 24, 2022 / 12:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

BJP will not make ‘free promises’ in manifestoनईदिल्ली। भारतीय जनता पार्टी यानी भाजपा अब अपने चुनावी घोषणा पत्र में लोकलुभावन वादे या कुछ मुफ्त देने का वादा नहीं करेगी। इसकी जगह ऐसे मुद्दे शामिल किए जाएंगे जिससे कोई असेट बन सके या जो कि मानव विकास में काम आए। इसी साल होने वाले गुजरात और हिमाचल के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्रों में भी इसकी झलक दिखेगी।

बता दें कि पिछले हफ्ते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा में चुनावों में मुफ्त की रेवड़ियां बांटने वाले दलों पर परोक्ष रूप से तंज कसा था। इस पर सियासी हमले भी हुए, इन सबके बीच भाजपा में यह आम राय बनी है कि पार्टी को चुनाव के दौरान भाषण या अपने घोषणापत्र में मुफ्त वाली घोषणाएं नहीं करनी चाहिए।

सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इस मुद्दे पर पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक होगी जिसमें फ्रीबीज खत्म करके इसका वैकल्पिक मॉडल क्या अपनाया जाए उस पर चर्चा होगी। यानी भाजपा अपने चुनावी घोषणा पत्र में वादे तो करेगी लेकिन मुफ्त में सामान जैसे कि स्कूटी, साइकिल, टीवी, फ्रिज, मुफ्त बिजली, पानी या ट्रांसपोर्ट जैसे वादे से बचेगी।

read more:  अगले तीन दिनों तक इन राज्यों में होगी मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग ने दी भारी बारिश की चेतावनी

मुफ्त में देने की जगह किस्तों में बिना ब्याज का ऑफर

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार अब चुनाव के दौरान फ्री में चीजें देने की जगह कोई वैकल्पिक व्यवस्था तय करके उससे जुड़े कुछ ऐसे वादे किए जा सकते हैं जैसे कि फ्री में साइकिल देने की जगह यह वादा किया जा सकता है जैसे कि
-सरकार साइकिल देगी जिसका भुगतान 24 या 48 किस्तों में बिना ब्याज के किया जा सकता है।
-या सरकार बनने पर दसवीं की जगह अब आठवीं के छात्रों को भी 70 फीसदी अंक लाने पर वजीफा मिलेगा।
-या 5 या इससे अधिक व्यक्तियों का समूह अपने गांव में तालाब बनाना चाहे तो सरकार उसकी आर्थिक मदद करेगी।
-या 5 साल में आसान किस्तों में सरकार से प्राप्त रकम का भुगतान किया जा सकता है आदि।

read more: वनडे क्रिकेट से संन्यास ले सकता है टीम इंडिया ये स्टार क्रिकेटर, रवि शास्त्री का बड़ा दावा

फ्री बांटने का कल्चर बदलें जिससे आर्थिक संकट ना हो

‘फ्रीबीज’ पर सुप्रीम कोर्ट का रुख सख्त है कोर्ट चुनाव आयोग और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कह चुकी है आर्थिक मामलों से जुड़े लोगों की राय है कि फ्रीबीज कल्चर से राज्य में भीषण आर्थिक संकट में फंस सकते हैं पड़ोसी देश श्रीलंका इसका जीवंत उदाहरण है।

read more:  Petrol-Diesel Price : इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने पेट्रोल डीजल के price को लेकर कही बड़ी बात, जाने अपने राज्य का हाल…

पार्टी की बैठक में किया जाएगा निर्णय

भाजपा जल्द अपनी सभी राज्य इकाइयों से इस मुद्दे पर संवाद करेगी और चुनावी वादों को आर्थिक रूप से कैसे समायोजित किया जाए ताकि यह फ्रीबीज की श्रेणी से बाहर आ सके इसके सुझाव मांगेगी। गुजरात और हिमाचल चुनाव में इसकी औपचारिक शुरुआत की जाएगी।