संविधान खत्म करना चाहती है भाजपा, माफी मांगें गृह मंत्री : राहुल गांधी

संविधान खत्म करना चाहती है भाजपा, माफी मांगें गृह मंत्री : राहुल गांधी

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  • Publish Date - December 18, 2024 / 03:35 PM IST,
    Updated On - December 18, 2024 / 03:35 PM IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में की गई टिप्पणी को लेकर बुधवार को कहा कि देश संविधान निर्माता का अपमान सहन नहीं करेगा तथा गृह मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

उन्होंने यह दावा भी किया कि भाजपा संविधान और बाबासाहेब द्वारा किए गए काम को खत्म करना चाहती है।

राहुल गांधी ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘भाजपा और उनके नेता शुरू से ही कह रहे थे कि हम संविधान बदल देंगे। ये लोग संविधान के खिलाफ हैं। ये लोग आंबेडकर जी और उनकी विचारधारा के खिलाफ हैं।’’

उन्होंने दावा किया, ‘‘ उनका एकमात्र काम संविधान और आंबेडकर जी द्वारा किए गए काम को खत्म करना है। यह बात पूरा देश जानता है।’’

इससे पहले, राहुल गांधी ने संसद परिसर में विपक्ष के विरोध प्रदर्शन की तस्वीर साझा करते हुए अपने व्हाइट्सएप चैनल पर पोस्ट किया, ‘‘बाबासाहेब संविधान निर्माता हैं, देश को दिशा देने वाले महापुरुष हैं। उनका अपमान, उनके द्वारा तैयार किए गए संविधान का अपमान देश नहीं सहेगा। गृह मंत्री माफी मांगें।’’

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘आंबेडकर जी का नाम लेने से अधिकार मिलते हैं। आंबेडकर जी का नाम लेना मानवीय गरिमा का प्रतीक है। आंबेडकर जी का नाम करोड़ों दलितों-वंचितों के आत्मसम्मान का प्रतीक है।’’

कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर दो दिन तक चली चर्चा का जवाब देते हुए मंगलवार को अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।

मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं , ‘‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’’

संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने अमित शाह की टिप्पणी को लेकर संसद की कार्यवाही बाधित करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि विपक्ष गृह मंत्री की टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है।

भाषा हक हक मनीषा

मनीषा