कोलकाता, 29 नवंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल में हाल में पूजा कार्यक्रमों के दौरान धार्मिक स्थलों पर हुए कथित हमलों के खिलाफ विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव पेश करने की अध्यक्ष द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों ने शुक्रवार को सदन से बहिर्गमन कर दिया।
विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने जब प्रस्ताव पेश करना चाहा तो विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंद्योपाध्याय ने उनका अनुरोध ठुकरा दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘(हमलों और अत्याचारों के बारे में) यह मुद्दा एक दिन पहले ही चर्चा के दौरान उठ चुका था। अलग से किसी स्थगन प्रस्ताव की जरूरत नहीं है।’’
इस फैसले से नाराज करीब 40 भाजपा विधायकों ने तख्तियां उठाईं जिन पर बांग्ला भाषा में नारे लिखे थे। कुछ तख्तियों पर लिखा था- ‘‘बंगाल में दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा, कार्तिक पूजा के दौरान धार्मिक स्थलों पर हमले किए गए। इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। राज्य को कार्रवाई करनी चाहिए।’’
विपक्षी पार्टी के सदस्यों ने यह भी मांग की कि यदि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोगों के जीवन और संपत्ति तथा राज्य के प्रत्येक नागरिक के धार्मिक अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकतीं तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने करीब 15 मिनट तक सदन में नारेबाजी की।
अध्यक्ष ने भाजपा सदस्यों से कहा, ‘‘यदि आप इस तरह से व्यवहार करेंगे तो मैं आपको भविष्य में मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं दूंगा।…’’
इसके बाद भाजपा विधायक सदन से बाहर चले गए। भाजपा के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हम स्थगन प्रस्ताव लाना चाहते थे। हर किसी को पता होना चाहिए कि दुर्गा पूजा और लक्ष्मी पूजा के दौरान मेटियाब्रुज, फालाकाटा और कार्तिक पूजा के दौरान बेलडांगा में पूजा पंडालों पर कैसे हमले हुए। स्थिति चिंताजनक है। पश्चिम बंगाल बांग्लादेश नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अध्यक्ष नहीं चाहते कि विपक्ष इस महत्वपूर्ण मुद्दे को उठाए। हमारी आवाज दबाई जा रही है इसलिए हमें बहिर्गमन करना पड़ा।’’
भाषा
सिम्मी नरेश
नरेश
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