Top 10 Promises of Lok Sabha Manifesto : नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है। कांग्रेस के बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए संकल्प पत्र के नाम से घोषणा पत्र रविवार को जारी किया। पार्टी मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह ने जारी किया। भाजपा का घोषणा पत्र विकसित भारत के लिए मोदी की गारंटी पर केंद्रित है। तो वहीं कांग्रेस ने भी अपने घोषणा पत्र में जनता को लुभाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। वामपंथी पार्टियां सीपीआई, सीपीआई (एम) और सीपीआई (एमएल) भी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं जिसने अपने घोषणा पत्र में कई बड़े वादे किए है।
1. कोरोना काल से सरकार देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त राशन दे रही है. संकल्प पत्र में इस योजना को अगले 5 साल तक जारी रखने का वादा किया गया है।
2. संकल्प पत्र में कहा गया है कि पार्टी ने गरीबों को 4 करोड़ पक्के घर बनाकर दिए हैं। अभी 3 करोड़ और नए घर बनाकर दिए जाएंगे।
3. पीएम उज्जवला योजना के तहत गरीबों को सस्ता सिलेंडर देने के बाद संकल्प पत्र में पार्टी ने घर-घर पाइप से सस्ता गैस पहुंचाने का वादा किया है।
4. संकल्प पत्र में भाजपा ने कहा कि देश में वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर एक कमेटी का गठन किया गया था, इसकी सिफारिशों को लेकर काम किया जाएगा।
5. भारत के संविधान के जरिए सभी को समान अधिकार दिलाने के लिए समान नागरिक संहिता को लेकर भाजपा ने अपने संकल्प को दोहराया है।
6. संकल्प पत्र में पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत मुफ्त बिजली का वादा किया गया है, जिससे बिजली का बिल जीरो हो जाएगा।
7. भाजपा ने कहा कि उनकी सरकार ने देश में 1 करोड़ लखपति दीदी तैयार की हैं। इसे बढ़ाकर 3 करोड़ किया जाना है।
8. संकल्प पत्र में कहा गया है कि 70 साल से ऊपर हर बुजुर्ग को आयुष्मान भारत के दायरे में लाया जाएगा, जिससे न सिर्फ गरीब, बल्कि मध्यम और उच्च वर्ग के बुजुर्गों को भी 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलेगा।
9. संकल्प पत्र में भाजपा ने सभी को बीमा लाभ देने का वादा किया है।
10. संकल्प पत्र में भाजपा ने कहा हम पहला बुलेट ट्रेन कॉरिडोर विकसित कर रहे हैं। हम इस बुलेट ट्रेन नेटवर्क के विस्तार के लिए उत्तर, दक्षिण और पूर्व में नए कॉरिडोर के लिए फिजिबिलिटी स्टडी करेंगे।
1. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में राष्ट्रव्यापी आर्थिक-सामाजिक न्याय जनगणना का एलान किया। साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग और गरीब सामान्य वर्ग को मिलने वाले आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से बढ़ाने का वादा किया।
2. कांग्रेस ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी देने का एलान किया है।
3. कांग्रेस ने पहली नौकरी गारंटी देने के लिए अप्रेंटिस एक्ट 1961 को हटाकर अप्रेंटिसशिप अधिकार अधिनियम लाने का एलान किया। जिसके तहत 25 साल से कम उम्र के प्रत्येक डिप्लोमाधारक या कॉलेज स्नातक को निजी या सरकारी कंपनी में एक साल की ट्रेनिंग दी जाएगी। कानून के तहत प्रशिक्षु को एक लाख रुपये प्रतिवर्ष का मानदेय भी दिया जाएगा।
4. नौकरी की परिक्षाओं के पेपर लीक के मामलों में निपटारा करने के लिए फास्ट ट्रैक अदालतों के गठन और पीड़ितों को आर्थिक मुआवजा देने का भी वादा किया गया है। साथ ही केंद्र सरकार में विभिन्न स्तरों पर स्वीकृत करीब 30 लाख रिक्त पद भरे जाएंगे।
5. प्रत्येक गरीब भारतीय परिवार को बिना शर्त नकद हस्तांतरण के रूप में एक लाख रुपये प्रति वर्ष देने के लिए महालक्ष्मी योजना शुरू करने का संकल्प लिया गया है।
6. 2025 से केंद्र सरकार की 50 प्रतिशत नौकरियां महिलाओं के लिए आरक्षित की जाएंगी। साथ ही महिलाओं के लिए समान काम, समान वेतन के सिद्धांत को लागू किया जाएगा।
7. 2025 से महिलाओं को विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण दिया जाएगा।
8. सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 12 तक शिक्षा निशुल्क और अनिवार्य बनाने के लिए शिक्षा का अधिकार कानून को संशोधित किया जाएगा।
9. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में संविधान की दसवीं अनुसूची में संशोधन कर दलबदल करने वाले विधायकों व सांसदों की सदस्यता स्वतः समाप्त होने का प्रावधान किया जाएगा।
10. पुलिस, जांच और खुफिया एजेंसियां सख्त कानून के अनुसार काम करेंगी। कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया कि जिन बेलगाम शक्तियों का अभी वो प्रयोग कर रही हैं, उन्हें कम किया जाएगा। उन्हें संसद या राज्य विधानमंडलों की निगरानी में लाया जाएगा। कानून को शस्त्र बनाकर उपयोग करना, मनमानी तलाशी, जब्ती और कुर्की, मनमानी गिरफ्तारियां, लंबी हिरासत, हिरासत में मौतों और बुलडोजर न्याय को समाप्त करने का वादा किया गया है।
1. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने अपने घोषणापत्र में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) और नागरिकता संसोशधन अधिनियम (CAA) जैसे कानूनों को खत्म करने का वादा किया है।
2. सीपीआईएम ने अपने मेनिफेस्टो में सामान्य संपत्ति कर और विरासत कर पर एक कानून लाकर अमीरों पर ज्यादा लैक्स लगाने का वादा किया है। साथ ही मनरेगा के लिए बजटीय आवंटन दोगुना करने और शहरों में रोजगार की गारंटी देने वाला एक नया कानून लाने का वादा किया है।
3. सीपीआईएम ने अपने घोषणा पत्र में सरकारी उपक्रमों के निजीकरण को वापस लेने, किसानों के लिए एमएसपी की गारंटी और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का ऐलान किया है। साथ ही उसने राजनीतिक पार्टियों को उद्योगों से चंदा लेने पर रोक लगाने का भी वादा अपने मेनिफेस्टो में किया है।
4. अपने 44 पन्ने के घोषणापत्र में सीपीआईएम ने मोदी सरकार द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को रद्द करने की बात कही है। वामपंथी विचारधारा वाली इस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में सत्ता में आने पर निजी क्षेत्र, शिक्षा और रोजगार में जाति-आधारित आरक्षण शुरू करने का आश्वासन दिया है।
5. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने मौत की सजा के प्रावधान को पूरी तरह से हटाने का भी वादा किया है। सीपीआईएम ने अपने घोषणापत्र में कहा है कि वह फाइनेंस, डिफेंस, हायर एजुकेशन और मीडिया जैसे क्षेत्रों में फॉरेन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) पर लगाम लगाएगी।
6. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में QUAD (चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता) और I2U2 जैसे गठबंधनों से देश को बाहर निकालने की बात कही है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान और भारत QUAD के सदस्य देश हैं। I2U2 ग्रुप में भारत, इजरायल, यूएई और अमेरिका शामिल हैं. बता दें कि क्वाड मुख्य रूप से इंडो-पैसिफिक रीजन में चीन की विस्तारवादी नीतियों को चुनौती देने के लिए बनाया गया है।’