शिमला, 14 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हिमाचल प्रदेश इकाई ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की इस बात को लेकर आलोचना की है कि उन्होंने अपने सहयोगियों को कथित तौर पर ‘जंगली मुर्गा’ खाने के लिए प्रोत्साहित किया। भाजपा ने मुख्यमंत्री सुक्खू से इसके लिए माफी की मांग की है।
इस बीच, सुक्खू ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘स्थानीय ग्रामीणों ने देसी मुर्गा पकाया था और मैंने इसे दूसरों को परोसने को कहा क्योंकि मैं स्वास्थ्य कारणों से मांसाहार का सेवन नहीं करता।’’
उन्होंने कहा कि गांवों में मांसाहार का सेवन जिंदगी जीने का एक तरीका है और विपक्ष का इसे बेवजह मुद्दा बनाना निंदनीय है।
इंटरनेट पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें सुक्खू यह कहते नजर आते हैं, ‘‘इनको दो जंगली मुर्गा, हमे थोड़ी खाना है।’’
इसके बाद सुक्खू अपने सहयोगियों से पूछते हैं कि क्या वे यह व्यंजन खाना चाहेंगे। भाजपा ने इसी वीडियो को लेकर सुक्खू पर निशाना साधा है।
यह वीडियो शिमला जिले के दूरदराज के टिक्कर इलाके में बनाया गया, जहां मुख्यमंत्री शुक्रवार रात स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शैंडी और अन्य अधिकारियों के साथ रात्रिभोज कर रहे थे। इस रात्रिभोज में ही यह व्यंजन परोसा गया था।
भाजपा प्रवक्ता एवं प्रदेश सोशल मीडिया प्रभारी चेतन बरागटा ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘जंगली मुर्गा एक लुप्तप्राय प्रजाति है जिसे वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम-1972 और वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम 2022 की पहली अनुसूची में सूचीबद्ध किया गया है। इस प्रजाति का शिकार करना और खाना अवैध है।’’
इस बीच, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने कहा कि जंगली मुर्गा का शिकार करने और उसे खाने पर कारावास एवं जुर्माने का प्रावधान है।
ठाकुर ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि उन्होंने न केवल इस व्यंजन को रात्रिभोज में शामिल कराया, बल्कि अपने सहयोगियों को भी इसे खाने के लिए प्रोत्साहित किया।
धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने कहा कि सीआईडी अभी भी इस बात की जांच कर रही है कि समोसा जांच रिपोर्ट किसने लीक की, वहीं ‘जंगली मुर्गा’ परोसने को लेकर एक और विवाद सामने आ गया है।
शर्मा ने वन विभाग से इस मामले में कार्रवाई करने को कहा।
सुक्खू ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए एक वीडियो में कहा, ‘‘गांव वालों ने रात के खाने में चिकन परोसा, लेकिन मैंने मना कर दिया क्योंकि मैं इसे नहीं खाता और अब जयराम ठाकुर इसे मुद्दा बना रहे हैं।’’
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैं स्वास्थ्य संबंधी कारणों से तैलीय और मांसयुक्त भोजन नहीं करता हूं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्षी नेताओं के पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है और वे केवल ग्रामीणों की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
लुप्तप्राय प्रजाति होने के बावजूद जंगली मुर्गे का शिकार करना और उसे खाना राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कथित तौर पर एक आम बात है।
भाषा संतोष नेत्रपाल
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