उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा का दबदबा कायम

उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा का दबदबा कायम

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  • Publish Date - January 25, 2025 / 10:37 PM IST,
    Updated On - January 25, 2025 / 10:37 PM IST

देहरादून, 25 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपना दबदबा कायम रखा। सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों ने 22 नगर निकायों में जीत दर्ज की और नौ में बढ़त बनाये हुए हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस ने 15 नगर निकायों में जीत दर्ज की, जबकि 13 निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी घोषित किये गए हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस छह नगर निकायों, निर्दलीय 10 और बहुजन समाज पार्टी दो नगर निकाय क्षेत्रों में बढ़त बनाये हुए है।

बृहस्पतिवार को जिन 100 शहरी स्थानीय निकायों में मतदान हुआ, उनमें से 50 के नतीजे घोषित हो चुके हैं और 27 के रुझान उपलब्ध हैं।

मतगणना अभी जारी है।

देहरादून में भाजपा की ओर से मेयर पद के उम्मीदवार सौरभ थपलियाल अपने कांग्रेस प्रतिद्वंद्वी वीरेंद्र सिंह पोखरियाल से आगे चल रहे हैं।

ऋषिकेश नगर निगम में भाजपा के शंभू पासवान अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय उम्मीदवार दिनेश चंद्र से आगे चल रहे हैं।

राज्य के श्रीनगर नगर निगम में भाजपा की आशा उपाध्याय निर्दलीय उम्मीदवार आरती भंडारी से पीछे चल रही हैं।

अल्मोड़ा नगर निगम में भाजपा प्रत्याशी अजय वर्मा कांग्रेस के भैरव गोस्वामी से आगे हैं।

हल्द्वानी-काठगोदाम नगर निगम में कांग्रेस प्रत्याशी ललित जोशी भाजपा के गजराज सिंह बिष्ट से आगे चल रहे हैं।

हरिद्वार नगर निगम में भाजपा प्रत्याशी किरण जैसल कांग्रेस की अमरेश देवी बालियान से आगे हैं।

उत्तराखंड में 11 नगर निगमों, 43 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों के लिए बृहस्पतिवार को मतदान हुआ, जिसमें 65.4 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

कुल 5,405 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 11 मेयर पदों के लिए 72 प्रत्याशी, नगर परिषद अध्यक्ष के लिए 445 तथा नगर पार्षद और सदस्यों के लिए 4,888 प्रत्याशी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजयी भाजपा उम्मीदवारों को बधाई दी और कहा कि पार्टी शहरी स्थानीय निकायों के माध्यम से एक सुदृढ़ कचरा निपटान प्रणाली स्थापित कर स्वच्छ और हरित शहरों की अवधारणा को क्रियान्वित करेगी।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश