बीजेपी ने खेला बड़ा दांव, 4 बड़े कारण जिससे सरकार बनाने से हटी पीछे…देखिए

बीजेपी ने खेला बड़ा दांव, 4 बड़े कारण जिससे सरकार बनाने से हटी पीछे...देखिए

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  • Publish Date - November 12, 2019 / 07:40 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:47 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए भाजपा के पीछे हटने के कई कारण है। इसे पार्टी की बड़ी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, क्योंकि निमंत्रण अस्वीकार करने से पहले बीजेपी की दो दौर की लंबी मीटिंग चली। पार्टी की दोबारा हुई कोर कमिटी की बैठक में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल हुए। इसके बाद निर्णय लिया गया कि बीजेपी राज्य में सरकार का गठन नहीं करेगी। इस पार्टी के चाणक्य अमित शाह ही रणनीति का हिस्सा ही माना जा रहा है।

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पार्टी ने यह तय किया है कि अब वह क्षेत्रीय क्षत्रपों के आगे नही झुकेगी। वैसे तो बीजेपी किसी राज्य में सरकार बनाने का मौका जल्दी नहीं छोड़ती, लेकिन महाराष्ट्र में वह पीछे हट गई है। इसके पीछे दूर की सोच है, जो जल्द ही सामने आएगी। लेकिन ये कुछ ऐसे कारण है जिससे भाजपा ने राज्य में सरकार नही बनाया।

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1. गठबंधन तोड़ने का इज्लाम शिवसेना पर

यह कहा जा रहा है कि बीजेपी-शिवसेना को जनता ने सरकार बनाने के लिए वोट दिया था। लेकिन चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेना ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद पर अड़ गई अब शिवसेना पर गठबंधन तोड़ने का इल्जाम लग रहा है। बीजेपी इस कलंक से बचना चाहती थी। अब बीजेपी पूरे राज्य में इसका प्रचार करेगी। इससे पहले 2014 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी पर शिवसेना के साथ वर्षों पुराना गठबंधन तोड़ने का आरोप लगा था।

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2. विरोधी विचारधारा के गठबंधन को बेनकाब करना

शिवसेना अगर कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाती है तो इसे बेमेल गठबंधन कहा जाएगा। अभी तक शिवसेना का इन दोनों दलों से छत्तीस का आंकड़ा रहा है। वहीं विचारधारा के स्तर पर भी शिवसेना की राह अलग है। शिवसेना को जहां कट्टर हिंदुत्व का पक्षधर माना जाता है, वहीं कांग्रेस-एनसीपी पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के आरोप लगते रहे हैं। बीजेपी इन्हीं बेमेल मुद्दों को आधार बनाकर तीनों दलों को घेरेगी। बीजेपी अनुच्छेद 370 रद्द करने, तीन तलाक और देश में समान नागरिक संहिता जैसे मुद्दों पर शिवसेना से भी जवाब मांगेगी।

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3. कर्नाटक जैसे हालात से बचना

महाराष्ट्र में सरकार गठन न करने के पीछे बीजेपी का कर्नाटक से लिया गया सबक बताया जा रहा है। जहां बहुमत साबित करने से पहले ही इस्तीफा देना पड़ा था। बीजेपी इस बार महाराष्ट्र में उस स्थिति को नहीं दोहराना चाहती थी क्योंकि जिस तरह कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस-जेडीएस एक साथ हो गए थे उसी तरह महाराष्ट्र में बीजेपी को रोकने के लिए शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस एक साथ हो गई हैं। इसको देखते हुए बीजेपी ने सरकार न बनाने में ही बेहतरी समझी।

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4. शिवसेना को बेनकाब करने की तैयारी

शिवसेना के अड़ियल रुख के कारण सत्ता से दूर हुई बीजेपी ने अब जनता के बीच जाने का फैसला किया है। बीजेपी अब जनता के बीच जाकर लोगों को बताएगी कि किस तरह शिवसेना ने जनादेश का अपमान किया है। साथ ही यह भी समझाएंगे कि सत्ता में साझीदार रहने के दौरान शिवसेना ने विकास कार्यों में अड़ंगा डाला। बीजेपी द्वारा अब आरे कारशेड और नाणार परियोजना पर शिवसेना के रुख की पोल खोलने की तैयारी है।

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