राष्ट्रपति चुनाव को लेकर देश की सबसे बड़ी खबर, ST चेहरे पर दांव लगा सकती है भाजपा

अभी भाजपा का प्रतिनिधित्व ओबीसी, एससी और होम मिनिस्टर सामान्य है। इस फॉर्मूले से पार्टी लगभग सभी हिंदू वर्गों को आसानी से साध लेती है। लेकिन इस फॉर्मूले में एक सबसे बड़ा हिस्सा मिसिंग है। यह है एसटी समाज। पार्टी अगले फॉर्मूले से एसटी चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। BJP may declare ST face for Indian presidential candidate

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  • Publish Date - April 8, 2022 / 06:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

एसटी राज्य छत्तीसगढ़, ओडिशा, एमपी, झारखंड, पूर्वोत्तर, तेलंगाना आदि में बढ़ाई एक्टिविटी, साध रहे समाज को। देश में अभी तक नहीं बना कोई एसटी राष्ट्रपति।

बरुण सखाजी@नईदिल्ली

इस वर्ष जुलाई में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा ने अंदरखाने तैयारी शुरू कर दी है। इस तैयारी को हर बार की तरह गोपनीय ढंग से किया जा रहा है। इतना गोपनीय कि इसकी चर्चाएं भी किसी गली, गलीचे में नहीं हो रही। आईबीसी24 आपको बता रहा है राष्ट्रपति चुनाव के लिए भाजपा के वो 6 फॉर्मूले जिनके आधार पर पार्टी अगला राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित करेगी। यहां पढ़िए पहला फॉर्मूला।

फॉर्मूला-1: एसटी चेहरा

अभी भाजपा का प्रतिनिधित्व ओबीसी, एससी और होम मिनिस्टर सामान्य है। इस फॉर्मूले से पार्टी लगभग सभी हिंदू वर्गों को आसानी से साध लेती है। लेकिन इस फॉर्मूले में एक सबसे बड़ा हिस्सा मिसिंग है। यह है एसटी समाज। पार्टी अगले फॉर्मूले से एसटी चेहरे पर भी दांव लगा सकती है। इस फॉर्मूले के तहत सीधे-सीधे कहें तो भाजपा के पास यूं तो अनेक एसटी चेहरे हैं, लेकिन वे सभी राज्यों की राजनीति तक सीमित हैं या फिर उतने वरिष्ठ नहीं। इन चेहरों अनेक चेहरे शामिल हैं। इस दिशा में भाजपा राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, पार्टी के पूर्व बड़े पदाधिकारी आदि को भी टटेला जा रहा है। भाजपा के पास एसटी नेताओं की लंबी फेहरिश्त तो है लेकिन इतने बड़े स्टेचर के नेता की तलाश मुश्किल हो रही है।

देश में जनजातिय आबादी

2011 जनगणना के मुताबिक देश में जनजातिय आबादी 8.6 फीसद थी। जिसके साल 2021 में बढ़कर करीब फीसद हो जाने का अनुमान है। देश के शीर्ष जनजातिय राज्यों में पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्य, आसाम, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलांगाना आदि आते हैं। इन राज्यों में लोकसभा की लगभग 80 सीटें आती हैं। जबकि देश की लोकसभा में जनजाति समाज के लिए आरक्षित सीटों की संख्या 47 है। वर्तमान में एक भी बड़े एसटी राज्य में भाजपा की सरकार नहीं है। माना जा रहा है कि एसटी समाज को अपने साथ जोड़ने को लेकर भाजपा कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने तो समाज को जोड़ने के लिए अनेकों कार्यक्रम शुरू कर रखे हैं। वहीं संघ की विभिन्न इकाइयां भी जनजातिय इलाकों में सक्रिय हैं।

सदन में वर्तमान स्थिति

कुल वोट वैल्यू- 1098903

बहुमत के लए- 549452

कुल सांसद- 776

कुल विधायक- 4120

लोकसभा में- 543

राज्यसभा- 238

एनडीए की स्थिति- राज्यसभा में-121, लोकसभा में 336 और विधानसभाओं में 1738

यूपीए की स्थिति- राज्यसभा में 47, लोकसभा में 90 और विधानसभाओं में 1028

तीसरे दलों की स्थिति- राज्यसभा में 72, लोकसभा में 97 और विधानसभाओं में 1177

एक सांसद की वोट वैल्यू- 708

सबसे ज्यादा वोट वैल्यू वाले विधायक- उत्तर प्रदेश-208

देश में जनजातिय स्थिति

जानजातिय आबादी- 84326240 (8.2 फीसद)

जनजातिय आरक्षित लोकसभा सीटें- 47