भाजपा ने विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को ‘कारण बताओ’ नोटिस दिया

भाजपा ने विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को ‘कारण बताओ’ नोटिस दिया

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  • Publish Date - December 2, 2024 / 12:46 PM IST,
    Updated On - December 2, 2024 / 12:46 PM IST

बेंगलुरु, दो दिसंबर (भाषा) भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति ने विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल को ‘‘राज्य स्तरीय पार्टी नेतृत्व के खिलाफ लगातार तीखी टिप्पणी’’ करने के लिए ‘कारण बताओ’ नोटिस दिया है और उनसे 10 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।

पार्टी ने बताया कि अगर वह निर्धारित समय के भीतर जवाब नहीं दे पाते हैं तो वह इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगी।

केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने एक दिसंबर को भेजे अपने ‘कारण बताओ’ नोटिस में कहा, ‘‘राज्य स्तरीय पार्टी नेतृत्व के खिलाफ आपके तीखे हमले, पार्टी के निर्देशों की अवहेलना और राजनीतिक तथा सार्वजनिक महत्व के सभी मामलों पर पार्टी के आधिकारिक रुख के विपरीत सार्वजनिक बयानबाजी तथा रुख अपनाने की खबरें मीडिया के साथ-साथ विभिन्न पार्टी मंचों पर भी सामने आई हैं।’’

यह नोटिस मीडिया के बीच सोमवार को साझा किया गया है।

यतनाल पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा और उनके परिवार, खासकर भाजपा की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी.वाई. विजयेंद्र के कड़े आलोचक माने जाते हैं। वह अक्सर उन पर निशाना साधते हैं और भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मांग करते रहते हैं कि कांग्रेस की परिवारवाद राजनीति के खिलाफ प्रभावी लड़ाई के लिए येदियुरप्पा की ‘‘वंशवादी राजनीति’’ पर लगाम लगाई जाए।

पाठक ने कहा, ‘‘यह ‘गंभीर चिंता’ की बात है कि अतीत में कई बार ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किए जाने और अच्छे आचरण के लिए आपके आश्वासन के बावजूद अनुशासनहीनता बेरोकटोक जारी हैं।’’

पार्टी में उनकी वरिष्ठता और लंबे समय से उनकी मौजूदगी को देखते हुए पाठक ने कहा कि केंद्रीय अनुशासन समिति ने अतीत में उनके द्वारा दिए गए स्पष्टीकरणों पर नरम रुख अपनाया है।

उन्होंने कहा, ‘‘आपने पार्टी नेताओं के खिलाफ झूठे और परोक्ष आरोप लगाए हैं, साथ ही राजनीतिक और सार्वजनिक महत्व के मामलों पर पार्टी के आधिकारिक रुख की अवहेलना की है जो भाजपा के पार्टी नियम का गंभीर उल्लंघन है।’’

पाठक ने यतनाल से कहा, ‘‘कृपया कारण बताएं कि पार्टी को क्यो नहीं आपके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करनी चाहिए? आपका स्पष्टीकरण इस नोटिस मिलने के दस दिन के भीतर पेश किया जाना चाहिए।’’

यहां निर्धारित समय में स्पष्टीकरण नहीं मिलने की स्थिति में केंद्रीय अनुशासन समिति यह मान सकती है कि यतनाल के पास अपने जवाब में कहने को कुछ नहीं है और वह इस मामले में अंतिम निर्णय ले सकती है।

यतनाल ने विधायक रमेश जरकीहोली, अरविंद लिंबावली, महेश कुमाथल्ली, मधु बंगारप्पा सहित भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर बीदर से चमराजनगर तक वक्फ विरोधी मार्च निकाला है।

यह मार्च 25 नवंबर को शुरू हुआ और 25 दिसंबर को समाप्त होगा।

भाषा खारी मनीषा

मनीषा