नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने संगठनात्मक ढांचे में बूथ से लेकर विभिन्न स्तरों पर अपनी निवर्तमान समितियों की तुलना में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व दे सकती है। महिलाओं के लिए लोकसभा और विधानसभाओं में एक तिहाई सीट आरक्षित करने वाले नारी शक्ति वंदन अधिनियम के कार्यान्वयन की तैयारी के मद्देनजर भाजपा यह बदलाव करने जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि मध्यप्रदेश जैसे राज्य में भाजपा के 62 संगठनात्मक जिलों में कम से कम सात से आठ महिला जिला अध्यक्ष हो सकती हैं। वर्तमान में इन जिलों में एक भी महिला जिला अध्यक्ष नहीं है।
इसी तैयारी के मद्देनजर भाजपा ने हाल ही में बिहार में अपने राष्ट्रव्यापी संगठनात्मक चुनाव के दौरान दो महिला जिला अध्यक्षों को नियुक्त किया है।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि उनके राष्ट्रीय नेतृत्व का मानना है कि महिला नेताओं की एक पीढ़ी को नीचे से तैयार करना आवश्यक है ताकि लोकसभा और विधानसभा की एक तिहाई सीट आरक्षित करने का कानून लागू होने पर सक्षम उम्मीदवारों की कमी कहीं बाधा न बन जाए।
इस संबंध में एक सूत्र ने कहा, ‘‘वास्तविक महिला विकल्पों के अभाव में, प्रमुख पुरुष नेता कोटा भरने के लिए अपने परिवारों से जुड़ी महिलाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे, इसलिए हमारे लिए संदेश यह है कि हमें बूथ से ऊपर हर स्तर पर महिला नेताओं को तैयार करें।’’
उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर भाजपा का आदर्श प्रदेश संगठन माने जाने वाले मध्यप्रदेश में अधिकतर स्थानों पर 11 सदस्यीय बूथ समितियों में कम से कम तीन महिलाओं को शामिल करने के लिए प्रयास किए गए हैं।
सूत्रों ने कहा कि इसी तरह, पार्टी अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और पिछड़ों को पर्याप्त संख्या में शामिल करके अपने संगठन में महिलाओं को अधिक प्रतिनिधित्व देने की कवायद में जुटी हुई है।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि संगठनात्मक ढांचे की बुनियादी इकाइयों, जैसे मंडल और जिला इकाइयों में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धा है। उनके मुताबिक, पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान स्थानीय राजनीति में महिलाओं को नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह हर पार्टी के लिए सच है, क्योंकि मजबूत स्थानीय नेता अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने के लिए उन क्षेत्रों को नियंत्रित करना चाहते हैं जहां से वे आते हैं।
भाजपा में इन दिनों नए राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुनने के लिए संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया जारी है। नया अध्यक्ष जे पी नड्डा की जगह लेगा। वह 2020 से अध्यक्ष पद पर हैं और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री भी हैं।
नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की औपचारिक प्रक्रिया तब शुरू होगी जब कम से कम आधे राज्यों में संगठनात्मक चुनाव संपन्न हो जाएंगे।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि इस महीने के अंत तक करीब 37 संगठनात्मक राज्यों में से कम से कम 30 में यह प्रक्रिया पूरी हो जाने की उम्मीद है।
संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, जिसे महिला आरक्षण विधेयक के रूप में जाना जाता है, पिछले साल संसद द्वारा पारित किया गया था।
यह राज्य विधानसभाओं और लोकसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करता है। यह प्रावधान जनगणना तथा बाद में परिसीमन कवायद के बाद लागू होगा।
सरकार ने अभी तक जनगणना की घोषणा नहीं की है। आखिरी बार 2011 में जनगणना हुई थी। इस साल के अंत में जनगणना हो सकती है।
भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नेत्रपाल
नेत्रपाल