प्रचंड बहुमत के बाद भी दुविधा में फंसी भाजपा, सीएम पद के लिए विकल्प खोज रही पार्टी

प्रचंड बहुमत के बाद भी दुविधा में फंसी भाजपा, सीएम पद के लिए विकल्प खोज रही पार्टी! BJP Finding New Candidate for CM Post in Uttarakhand

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  • Publish Date - March 11, 2022 / 09:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

देहरादून: BJP Finding New Candidate for CM उत्तराखंड विधानसभा चुनाव परिणाम ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक तरह की दुविधा में डाल दिया है क्योंकि निवर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चुनाव हारने के बाद पार्टी विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की स्थिति में धामी के पद पर बने रहने की उम्मीद जतायी जा रही थी। हालांकि चुनाव परिणाम में भाजपा ने तो सत्ता बरकरार रखी लेकिन धामी चुनाव हार गए।

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BJP Finding New Candidate for CM भाजपा सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को नये नेता के चुनाव के वास्ते विधायक दल की बैठक की निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में राज्य भेजा जा सकता है। बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है। भाजपा ने सत्ता बरकरार रखते हुए उत्तराखंड में इतिहास रच दिया है क्योंकि पूर्व में कोई भी दल विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता बरकरार रखने में सफल नहीं रहा है। भाजपा ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें जीती हैं।

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पार्टी हलकों में इस बात को लेकर चर्चा है कि क्या उनके शीर्ष नेता धामी पर फिर से भरोसा करेंगे, जिसके लिए यह जरूरी होगा कि कोई मौजूदा विधायक धामी के लिए अपनी सीट छोड़े जिससे उपचुनाव कराने पर वह दोबारा चुनाव लड़ सकें। अथवा नव-निर्वाचित विधायकों में से किसी को नया मुख्यमंत्री चुना जाएगा। भाजपा के पास इस पद के लिए राज्य के अपने वरिष्ठ नेताओं में से किसी को चुनने का विकल्प भी है, जो वर्तमान में विधायक नहीं है।

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गौरतलब है कि भाजपा ने 2017 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी जीत के बाद जयराम ठाकुर के रूप में एक नया मुख्यमंत्री चुना था। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए उसके पंसदीदा एवं वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए थे। ठाकुर जीते विधायकों में से एक थे। भाजपा ने उत्तराखंड में अपनी सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में दो मुख्यमंत्रियों को बदल दिया था और धामी ने पिछले साल जुलाई में सत्ता संभाली थी। 46 वर्षीय नेता को पार्टी ने एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा था जो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मुकाबले से पहले सत्ता विरोधी लहर को निष्प्रभावी करने में कामयाब रहे।

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