किसानों की कर्ज माफी पर बीजेपी ने मप्र और छत्तीसगढ़ सरकार पर साधा निशाना, बताया वादाखिलाफी
किसानों की कर्ज माफी पर बीजेपी ने मप्र और छत्तीसगढ़ सरकार पर साधा निशाना, बताया वादाखिलाफी
रायपुर। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के सत्ता संभालते ही किसानों का कर्ज माफ करने के बाद अब बीजेपी ने दोनों राज्य सरकारों की मंशा पर सवाल उठाते हुए हमला बोला है। बीजेपी ने कहा है कि सरकार ने किसानों से विश्वासघात किया है, वादाखिलाफी की है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भूपेश सरकार के कर्ज माफी का आदेश जारी किए जाने के बाद निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के किसानो का ऋण 15000 करोड़ है। राज्य की कांग्रेस सरकार ने केवल अल्पकालीन ऋण के 6100 करोड़ माफ़ी की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पूर्ण ऋण माफ़ी का वादा करने वाली कांग्रेस ने कृषि यंत्रों सहित अन्य कृषि कार्यों के लिए लिया गया ऋण माफ न कर आधा-अधूरा निर्णय लेते हुए किसानो से विश्वासघात किया है।
उधर मप्र के पूर्व कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने भी निशाना साधते हुए कहा है कि कमलनाथ सरकार 30 नवंबर 2018 तक का कर्ज माफ करे। अगर नवंबर तक का कर्ज माफ नहीं किया तो बीजेपी सदन के अंदर और बाहर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कर्ज माफी के ऐलान को पूरा करना ही होगा। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की इच्छा जताते हुए कहा कि हमारे नेता शिवराज सिंह चौहान हैं।
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इसी तरह मप्र के पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने किसानों की कर्ज माफी पर कहा है कि कर्ज़ माफी किसानों के साथ छलावा है। कर्ज़ माफी केवल आंकड़ों की बाजीगरी है, वो केवल कागज पर दस्तखत के अलावा और कुछ नहीं है। वचन पत्र के अनुसार, कांग्रेस को सितंबर 2018 तक का कर्ज माफ करना था लेकिन मार्च 2018 तक का माफ किया गया। सारंग ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर जून और सितंबर तक का माफ नही किया तो यह एक वादा ही रह गया है, जिससे किसान दुखी हैं’।

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