नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की 14 रिपोर्ट दबाये रखने का आरोप लगाया और इन्हें सदन के पटल पर रखे जाने के लिए विधानसभा का सत्र तत्काल बुलाने की मांग की।
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि आप नीत सरकार ने भाजपा नेताओं के अदालत का रुख करने के बाद कैग की 10 रिपोर्ट उपराज्यपाल को भेजी थी, जबकि चार रिपोर्ट अब भी लंबित हैं।
उन्होंने दावा किया कि दिल्ली सरकार ने कैग की चार रिपोर्ट अब तक उपराज्यपाल को नहीं भेजी है, ताकि इन्हें सार्वजनिक होने से दूर रखा जा सके।
गुप्ता ने दावा किया कि आप सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को लिखित आश्वासन दिया कि 29 नवंबर से चार दिसंबर तक आयोजित किया गया सत्र मौजूदा सातवीं दिल्ली विधानसभा का अंतिम सत्र नहीं था।
विधानसभा पांच साल का अपना कार्यकाल फरवरी 2025 में पूरा करेगी और 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव की घोषणा शीघ्र होने की संभावना है।
विपक्ष के नेता ने कहा, ‘‘आप सरकार देश में एकमात्र ऐसी सरकार है जिसने इन रिपोर्ट को विधानसभा में पेश नहीं होने दिया।’’
बृहस्पतिवार को, आप सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि मौजूदा मुख्यमंत्री आतिशी, जिनके पास वित्त विभाग भी है, ने शराब शुल्क, प्रदूषण और वित्त पर कैग की रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर रखे जाने के लिए उपराज्यपाल को भेजी है।
हालांकि, दिल्ली सरकार के वकील ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस बारे में लिखित निर्देश नहीं मिले हैं और मामले में घटनाक्रम को रिकॉर्ड में रखने के लिए वक्त मांगा।
वकील ने इस बात की पुष्टि की कि विधानसभा के पटल पर रखे जाने के लिए 11 दिसंबर की रात उपराज्यपाल कार्यालय को 10 फाइल प्राप्त हुई थीं।
याचिका भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता, मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अजय कुमार महावर, अभय वर्मा, अनिल कुमार वाजपेयी और जितेंद्र नारायण ने दायर की है।
वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक की कैग की रिपोर्ट दिल्ली सरकार और इसके कामकाज से जुड़े विभिन्न विषयों से संबंधित हैं।
भाषा सुभाष आशीष
आशीष
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भाजपा ने आप सरकार पर कैग की 14 रिपोर्ट दबाये…
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