बिरला ने विपक्ष के प्रदर्शन और नेताओं के आचरण को अशोभनीय बताया, लोकसभा की कार्यवाही बाधित

बिरला ने विपक्ष के प्रदर्शन और नेताओं के आचरण को अशोभनीय बताया, लोकसभा की कार्यवाही बाधित

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  • Publish Date - December 10, 2024 / 11:43 AM IST,
    Updated On - December 10, 2024 / 11:43 AM IST

( तस्वीर सहित )

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को संसद परिसर में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के विरोध प्रदर्शन के तौर-तरीकों को अशोभनीय तथा प्रतिपक्ष के बड़े नेताओं के आचरण को संसदीय परंपराओं को प्रतिकूल बताया और कहा कि सभी को संसद की गरिमा, मर्यादा और प्रतिष्ठा को बनाए रखना चाहिए।

बिरला ने लोकसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने पर इस विषय का उल्लेख किया और अफसोस जताया। इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्यों ने अपने मुद्दे उठाने का प्रयास करते हुए हंगामा किया जिसके चलते सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब पांच मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों द्वारा संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किए जाने का उल्लेख सदन में किया और क्षोभ जताया। एक दिन पहले ही नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उद्योगपति गौतम अदाणी का मुखौटा पहने दो कांग्रेस सांसदों का प्रतीकात्मक साक्षात्कार करते हुए सरकार एवं प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था।

कांग्रेस सांसद शिवाजी कलगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मणिकम टैगोर ने उद्योगपति गौतम अदाणी का मुखौटा पहन रखा था।

कांग्रेस अदाणी समूह के मामले पर सदन में चर्चा करने और जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की मांग कर रही है। पार्टी नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के कुछ नेताओं के आरोपों से जुड़े मुद्दे उठाने का भी प्रयास कर रही है।

कांग्रेस तथा कई अन्य विपक्षी दल अदाणी मामले को लेकर संसद परिसर में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।

बिरला ने मंलगवार को सदन में कहा, ‘‘संसद एक पवित्र स्थल है और इस भवन की उच्च गरिमा, प्रतिष्ठा और मर्यादा है। इसी भवन में हमने आजादी प्राप्त की है। यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है। इस संस्था में लोगों की अपेक्षाओं और आकांक्षाओं को पूरा किया जाता है। सहमति-असहमित हमारे लोकतंत्र की परंपरा रही है, जो संविधान बनते समय भी हमने अभिव्यक्त की थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आपसे आग्रह है कि हमें संसद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। पिछले कुछ दिनों से मैं देख रहा हूं कि संसद परिसर में जिस प्रकार के प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जिस प्रकार के नारे, पोस्टर और मुखौटों का उपयोग किया जा रहा है, वह न सिर्फ अशोभनीय है, बल्कि हमारी नियम प्रक्रियाओं और संसदीय परंपराओं के अनुरूप भी नहीं है।’’

बिरला ने कहा, ‘‘मुझे बहुत अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि इसमें प्रतिपक्ष के बड़े नेताओं का आचरण-व्यवहार भी संसदीय व्यवहार के अनुकूल नहीं है’’

इस पर कांग्रेस और कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने टोका-टोकी करते हुए कहा कि अध्यक्ष को सत्तापक्ष का भी नाम लेना चाहिए।

इस पर बिरला ने कहा कि चाहे सत्तापक्ष हो या प्रतिपक्ष हो, सभी दलों के लोग संसद की गरिमा, परंपरा, मर्यादा और प्रतिष्ठा को बनाए रखें।

उन्होंने कहा, ‘‘मर्यादित आचरण रखेंगे तो जनता में सकारात्मक संदेश जाएगा। इस लोकतंत्र के मंदिर के प्रति लोगों की बहुत गहरी आस्था और विश्वास है। आजादी के 75 वर्ष में हमने यहां चर्चा, संवाद और तीखी आलोचना देखी है। यह यहां की परंपराएं रही हैं।’’

बिरला ने सदस्यों से अपील की, ‘‘आप सकारात्मक सहयोग करें। जो मुद्दे हैं उन पर आप आकर चर्चा करें। सत्तापक्ष से प्रतिपक्ष के लोग बैठकर चर्चा करें, सदन को चलाने का प्रयास करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘प्रश्नकाल का महत्वपूर्ण समय होता है। मुझे आशा है कि आप सकारात्मक सहयोग करेंगे।’’

इसी दौरान कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगी दलों ने अपने मुद्दे उठाने का प्रयास किया और हंगामा करने लगे।

इस पर बिरला ने कहा कि सदन गरिमा और मर्यादा से चलेगा। उन्होंने पूर्वाह्न करीब 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

भाषा हक हक मनीषा

मनीषा