मुस्लिम निकाह और तलाक को अनिवार्य बनाने संबंधी विधेयक असम विधानसभा में पेश

मुस्लिम निकाह और तलाक को अनिवार्य बनाने संबंधी विधेयक असम विधानसभा में पेश

मुस्लिम निकाह और तलाक को अनिवार्य बनाने संबंधी विधेयक असम विधानसभा में पेश
Modified Date: August 27, 2024 / 10:43 pm IST
Published Date: August 27, 2024 10:43 pm IST

गुवाहाटी, 27 अगस्त (भाषा) असम सरकार ने राज्य में मुस्लिम निकाह और तलाक के पंजीकरण को अनिवार्य बनाने के लिए मंगलवार को विधानसभा में एक विधेयक पेश किया। प्रस्तावित कानून की वैधता पर विपक्षी दलों द्वारा आपत्ति जताए जाने के बीच यह विधेयक पेश किया गया।

कांग्रेस ने विधेयक पेश करने संबंधी सरकार के कदम का विरोध करते हुए सदन से बहिर्गमन किया।

राजस्व मंत्री जे मोहन ने सदन में असम मुस्लिम निकाह और तलाक का अनिवार्य पंजीकरण विधेयक, 2024 पेश किया।

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विधेयक के ‘‘उद्देश्य और कारण के बयान’’ में कहा गया है कि यह बाल विवाह और दोनों पक्षों की सहमति के बिना विवाह की रोकथाम के लिए प्रस्तावित किया गया है।

इसमें कहा गया है कि इससे बहुविवाह पर रोक लगाने में मदद मिलेगी, विवाहित महिलाओं को वैवाहिक घर में रहने, भरण-पोषण के अधिकार का दावा करने में सक्षम बनाया जा सकेगा, साथ ही विधवाओं को उत्तराधिकार के अधिकार और अन्य लाभों का दावा करने की अनुमति मिलेगी।

जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष विश्वजीत दैमारी ने मोहन से विधेयक पेश करने को कहा कि कांग्रेस विधायक जाकिर हुसैन सिकदर ने आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘हम विधेयक के विरोध में नहीं हैं। लेकिन, क्या सरकार ने इसे लाने से पहले समुदाय के संगठनों और नेताओं के साथ इस मामले पर चर्चा की है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘नया विधेयक लाने के लिए किसी को मांग उठानी चाहिए। इस मामले में विधेयक कैबिनेट बैठक के निर्णय के आधार पर लाया जा रहा है।’’

भाषा देवेंद्र रंजन

रंजन


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