Reservation In Bihar: पटना। बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बता दें कि बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद पिछले साल नवंबर में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित वर्गों के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ा दिया था। लेकिन बाद में पटना हाइकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया था। इसमें सार्वजनिक रोजगार और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश को लेकर पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग (एससी/एसटी) के लिए आरक्षण को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया था।
दरअसल, बिहार सरकार के वकील मनीष सिंह के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। राज्य सरकार ने इसमें हाईकोर्ट के फैसले पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की है और कहा कि यदि अंतरिम राहत नहीं मिलती है तो राज्य में बड़ी संख्या में भर्ती प्रक्रियाएं चल रही हैं, जिनमें से कुछ अग्रिम चरणों में हैं। इससे चयन प्रक्रिया पर असर पड़ेगा। याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष कि जाति सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर पिछड़े वर्गों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है। ये राज्य के विवेक का हनन है।
Reservation In Bihar: बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट के बाद पिछले साल नवंबर में सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित वर्गों के लिए आरक्षण का कोटा बढ़ा दिया था। इसके बाद पटना हाइकोर्ट ने पिछले महीने 20 जून को बिहार सरकार के इस आदेश को न्याय संगत न मानते हुए रद्द कर दिया था।