मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

Modi surname case : मोदी सरनेम मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है।

  •  
  • Publish Date - August 4, 2023 / 01:43 PM IST,
    Updated On - August 4, 2023 / 02:13 PM IST

नई दिल्ली : Modi surname case : राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। मोदी सरनेम मानहानि मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला देते हुए राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी का पक्ष अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा। अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी पर आरोप जमानती हैं।सिंघवी ने दलील दी कि मोदी सरनेम वाली कोई Identified क्लास नहीं है। अलग-अलग जाति के लोग मोदी सरनेम को इस्तेमाल करते हैं। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि आप इस बिंदु पर अपनी बात केंद्रित रखें कि दोषी सिद्धि के फैसले पर रोक क्यों जरूरी है? जान लें कि आज जो याचिका लगी है, उसमें राहुल गांधी ने दोष सिद्धि पर रोक की मांग की है। सजा पहले से राहुल गांधी की निलंबित है। संसद सदस्यता बहाल हो सके, इसके लिए जरूरी है कि दोष सिद्धि पर भी रोक लगे।

यह भी पढ़ें : जयमाला से पहले दूल्हे ने दुल्हन को पटका जमीन पर, नजारा देखकर दंग रह गए मेहमान, जानें ऐसा क्यों किया 

राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने की दलील

Modi surname case : राहुल गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 3 पेज की स्पीच में महज एक लाइन है, जिसको लेकर केस दायर हुआ है। शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का भी असली सरनेम मोदी नहीं है। उन्होंने बाद में बदला है। मोदी सरनेम वालों का कोई निश्चित वर्ग नहीं है। अलग-अलग जाति के लोग इस सरनेम का इस्तेमाल करते हैं.।

मानहानि के केस का औचित्य नहीं : सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि जिनका नाम राहुल गांधी ने स्पीच में लिया, उनमें से किसी ने राहुल पर मुकदमा नहीं किया। पूर्णेश मोदी ने किया, जिनके नाम का कोई जिक्र ही स्पीच में नहीं था। पूर्णेश मोदी का मानहानि का केस दायर करने का कोई औचित्य ही नहीं बनता है। जो समुदाय मोदी सरनेम इस्तेमाल करते हैं, उनमें एकरूपता नहीं है। मोदी सरनेम रखने वालों की अपने आप में कोई Identified क्लास नहीं है।

राहुल गांधी पर हैं जमानती आरोप

Modi surname case :सुप्रीम कोर्ट में सिंघवी ने कहा कि राहुल पर कोई ऐसा मामला नहीं है, जो समाज के खिलाफ अपराध का हो। कोई रेप, मर्डर का आरोप राहुल पर नहीं है। राहुल पर जो आरोप है वो साधारण है, जमानती, सामान्य आरोप है। सजा भी हो तो वो अधिकतम 2 साल की ही हो सकती है, पर शिकायतकर्ता ने उन्हें अपराधी करार दिया। एक भी ऐसा केस नहीं है, जिसमें दोषी करार दिया हो।

यह भी पढ़ें : मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक 

पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने की दलील

वहीं, सुप्रीम कोर्ट में आज पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने दलील दी कि राहुल गांधी के खिलाफ बहुत सबूत है। EC की ओर से जिस शख्स को रिकॉर्डिंग का जिम्मा दिया गया था, वो खुद इस केस में सरकारी गवाह है। बयान से साफ है कि राहुल गांधी की मंशा मोदी सरनेम वालों का अपमान करने की थी सिर्फ इसलिए कि देश के प्रधानमंत्री का सरनेम भी मोदी है। राहुल ने पूरे मोदी सरनेम रखने वाले समुदाय का अपमान किया। ये दोहरी मानहानि का केस बनता है।

Modi surname case : जेठमलानी ने कहा कि पूरे समुदाय की मानहानि की है, जिनका सरनेम मोदी है, ये एक निश्चित वर्ग है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया कि वो केस की मेरिट पर नहीं विचार कर रहे। कोर्ट के कहने का मतलब था कि अभी इस पर विचार नहीं हो रहा है कि राहुल के खिलाफ मानहानि का केस बनता है या नहीं। सिर्फ इस पर विचार हो रहा है कि दोष सिद्धि पर रोक लगे या नहीं। चूंकि राहल को दो साल की सजा है, जो इस केस में अधिकतम सजा है। इसलिए उनकी सदस्यता ग। ट्रायल कोर्ट के जज ने अपने आदेश में ये साफ नहीं किया कि आखिर दो साल की सजा ही क्यों जरूरी है और दूसरी बात उन्होंने लिखी है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें